CG Elections 2023: NOTA के विकल्प पर पुनर्विचार करे EC, सीएम भूपेश बघेल ने की EVM से नोटा हटाने की मांग

सितंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम में उम्मीदवारों की सूची के अंतिम विकल्प के रूप में नोटा का बटन जोड़ा था लेकिन राजनीतिक दल मानते हैं कि इससे वोटरों के वोट बरबाद होते हैं और छोटे मार्जिन से हारनेवाले भी हाथ मलते रह जाते हैं

Updated: Oct 30, 2023, 12:01 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान जोरों पर है। सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं द्वारा धुआंधार रैलियां की जा रही हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक अहम मुद्दा उठाया है। सीएम बघेल ने ईवीएम से नोटा हटाने की मांग की है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर एक विकल्प नोटा ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ को खत्म किया जाना चाहिए। बघेल ने कहा कि कई बार ऐसा देखा गया है कि जीत-हार के अंतर से ज्यादा वोट नोटा को मिले हैं।

यह पूछे जाने पर कि राज्य में 2018 के विधानसभा चुनावों में नोटा को दो लाख से अधिक वोट मिले और यह विकल्प चुनावों को कैसे प्रभावित करता है तो बघेल ने कहा, 'चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए। कई बार ऐसा देखा गया है कि (दो उम्मीदवारों के बीच) जीत और हार के अंतर से ज्यादा वोट नोटा को मिले।'

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उन्होंने कहा, 'ऐसा होता है जैसे बहुत से लोग यह सोचकर इसे (नोटा बटन) दबाते हैं कि या तो उन्हें ऊपर या नीचे (बटन) दबाना है। इसलिए नोटा को बंद किया जाना चाहिए।' बता दें कि छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होने हैं। इसके पहले नोटा हटाने की मांग कर सीएम बघेल ने देशभर में नई बहस छेड़ दी है।

बता दें कि सितंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम में उम्मीदवारों की सूची के अंतिम में विकल्प के रूप में नोटा का बटन जोड़ा था। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में राज्य में 76.88 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें कुल 1,85,88,520 मतदाताओं में से 1,42,90,497 ने मतदान किया, जिसमें से नोटा को 2,82,738 वोट मिले थे।