जेल में रहने को तैयार हूं, लेकिन हिंसा की न्यायिक जांच हो, जोधपुर जेल से सोनम वांगचुक का संदेश
सोनम वांगचुक का जोधपुर जेल से आया भावुक संदेश, कहा- स्वतंत्र जांच तक मैं जेल में रहने के लिए तैयार, उन्होंने लद्दाख हिंसा पर न्यायिक जांच की मांग की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

लेह में हिंसा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में जोधपुर जेल में रखे गए क्लाइमेट एक्टिविस्ट का मैसेज आया है। उन्होंने शनिवार को जोधपुर जेल से एक भावुक कर देने वाला संदेश भेजा है। इसमें उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही कहा है कि लेह हिंसा की स्वतंत्र न्यायिक जांच तक मैं जेल में रहने को तैयार हूं।
दरअसल, जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक से शनिवार को उनके बड़े भाई त्सेतन दोरजे ले और वकील मुस्तफा हाजी ने मुलाकात की थी। विशेष अनुमति के बाद दोरजे को सेंट्रल जेल में सोनम से मिलने की अनुमति दी गई। वांगचुक ने अपने बड़े भाई और वकील के माध्यम से देशवासियों के नाम संदेश भेजा है।
वकील मुस्तफा हाजी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि सोनम वांगचुक ने लद्दाख और भारत के लोगों को संदेश दिया कि वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं और सबकी चिंता और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद देते हैं। उन्होंने हिंसा में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों और गिरफ्तार किए गए लोगों के लिए प्रार्थना की।
सोनम वांगचुक ने 4 लोगों की हत्या की स्वतंत्र जांच की मांग की और कहा कि जब तक ऐसा नहीं होता, वे जेल में रहने के लिए तैयार हैं। उन्होंने छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा पाने की मांग में KDA और लद्दाख के लोगों के साथ खड़े रहने की बात कही। उन्होंने लोगों से शांति और एकता बनाए रखने और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए शांतिपूर्ण तरीके से अपना संघर्ष जारी रखने की अपील की।
देश की सबसे सुरक्षित जेलों में शुमार जोधपुर सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी व्यवस्था के कारण सोनम को 1,500 किलोमीटर दूर यहां शिफ्ट किया गया था। जेल में उनकी 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है और अलग वार्ड में रखा गया है। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने अपने पति की रिहाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उनकी याचिका पर 6 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
गीतांजलि ने वांगचुक को तुरंत रिहा करने की मांग करते हुए 2 अक्टूबर को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत हेबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका लगाई थी। उन्होंने दावा किया कि उनके पति की गिरफ्तारी अवैध है। अंगमो ने यह आरोप भी लगाया कि दिल्ली में हर जगह उनका पीछा किया जा रहा है। उनके एक कर्मचारी को भी हिरासत में रखा गया है।