दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपना चाहता है ट्विटर, ट्विटर के बयान पर भारत सरकार का जवाब

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जारी किया अपना बयान, मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका में हुई हिंसा और दिल्ली के लाल किला पर हुई हिंसा पर ट्विटर ने अपनाया दोहरा रवैया, लद्दाख के कई हिस्सों को भी चीन में दर्शाता रहा ट्विटर

Updated: May 27, 2021, 02:03 PM IST

Photo Courtesy: India Today
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नई दिल्ली। ट्विटर और भारत सरकार के बीच अब ठन गई है, यह लड़ाई अब प्रत्यक्ष तौर पर दिखने लगी है। सोशल मीडिया कानूनों और दिल्ली पुलिस द्वारा twitter India के दफ्तरों पर हुई छापेमारी के बाद ट्विटर का बयान केंद्र सरकार को नागवार गुज़रा है। सरकार ने ट्विटर से अपनी सख्त आपत्ति जतायी है। केंद्र सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि ट्विटर दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपना चाहता है। इसके साथ ही मंत्रालय ने ट्विटर पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। मंत्रालय ने अपने जारी बयान में यह भी कहा है कि भारत में हर सोशल मीडिया कंपनी सुरक्षित रहेगी। 

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर द्वारा जारी किए गए बयान के जवाब में प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि ट्विटर का बयान दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपने की एक कोशिश है। अपने कारनामों के ज़रिए ट्विटर भारत की कानून व्यवस्था को ताक पर रखने का काम कर रहा है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अगर ट्विटर यूजर्स के प्रति इतना ही समर्पित है तब उसने भारत में अपना मैकेनिज्म स्थापित क्यों नहीं किया? भारत में ट्विटर के प्रतिनिधि अमूमन यह कहते हैं कि भारत में उनकी कोई अथॉरिटी नहीं है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि ट्विटर के दावे पूरी तरह से खोखले हैं। 

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि भारत में ट्विटर का एक बहुत बड़ा यूजर बेस है, और इसके जरिए ट्विटर की मोटी कमाई भी होती है। लेकिन कंपनी खुद भारत में अधिकारियों की नियुक्ति करने के प्रति अनिच्छुक है जिससे खुद कंपनी के यूजर्स अपनी समस्याओं के निपटारे और ऑफेंसिव ट्वीट्स के शिकार होने की शिकायत कर सकते हैं। मंत्रालय ने सोशल मीडिया नियमों का बचाव करते हुए कहा कि सरकार के नियम उन यूजर्स की सहायता करेंगे जो मानहानि, यौन उत्पीड़न, मॉर्फ्ड इमेजेस के शिकार होते हैं। 

मंत्रालय ने यह भी कहा कि ये नियम विद्वानों, इंडस्ट्री के लोगों और जन प्रतिनिधियों से लंबी चर्चा के बाद ही तैयार किए गए हैं। नियम के मसौदे को सार्वजनिक किया गया था, जिसपर कोई भी व्यक्ति अपनी राय व्यक्त कर सकता था। नियम बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट सहित कई अदालतों ने निर्देश भी दिए। भारत की संसद में इन नियमों पर बहस भी हुई थी।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बिंदु पर मंत्रालय ने कहा कि भारत के संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मौलिक अधिकार है और भारत सरकार आलोचनाओं का ट्विटर सहित हर सोशल मीडिया पर खुले तौर पर स्वागत करती है। भारत सरकार जितना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करती है, उतना ही निजता के अधिकार का भी। मंत्रालय ने ट्विटर पर तंज कसते हुए कहा है कि लेकिन ट्विटर खुद ही अपने ही मंच पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ख्याल नहीं रखता। मंत्रालय ने कहा है कि ट्विटर को इधर उधर की बात करना छोड़ कर नियमों का पालन करना चाहिए। 

भारत के आईटी मंत्रालय ने ट्विटर पर एक के बाद एक दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। मंत्रालय ने कहा है कि ट्विटर ने कई दिनों तक लद्दाख के कई हिस्सों को चीन का हिस्सा दिखाया, वो भी तब, जब भारत और चीन में द्विपक्षीय वार्ता चल रही थी। अमेरिका के कैपिटल हिल में हुई हिंसा को लेकर मंत्रालय ने कहा है कि ट्विटर के मुताबिक जिन लोगों ने कैपिटल हिल हिंसा साजिश रची थी, उन्हें तो ट्विटर ने बैन कर दिया, लेकिन जब किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली के लाल किला पर हिंसा हुई, तब भारत सरकार द्वारा दिए गए अकाउंट्स की सूची तक को ट्विटर ने ब्लॉक नहीं किया। मंत्रालय ने कहा है कि वैक्सीन को लेकर अफवाह भी ट्विटर पर ही फैलाई गई, कोरोना की दूसरी लहर को इंडियन वैरिएंट करार देने में भी ट्विटर ने ही भूमिका निभाई। 

मंत्रालय ने ट्विटर पर तंज कसते हुए कहा कि एक अमरीकी कंपनी लोगों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र वाले देश को सार्थक बातचीत और सहयोगात्मक दृष्टिकोण रखने का पाठ पढ़ा रही है। मंत्रालय ने कहा है कि यह वो समय है जब ट्विटर को भारत के सोशल मीडिया कानूनों का पालन करना चाहिए और भारत सरकार इस बात का भी आश्वासन देती है कि भारत में ट्विटर सहित तमाम सोशल मीडिया कंपनियां पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

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दरअसल ट्विटर ने दिल्ली और गुरुग्राम के अपने दफ्तरों में हुई छापेमारी और सोशल मीडिया नियमों के संबंध में आज बयान जारी किया था। जिसमें ट्विटर ने कहा था कि भारत में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर कंपनी काफी चिंतित है। इसके साथ ही कंपनी ने सोशल मीडिया नियमों के संबंध में कहा था कि कंपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में है।