टूलकिट विवाद: ट्विटर भारत में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित, 3 महीने का मांगा अतिरिक्त समय
ट्विटर ने कहा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के लिए उपयोग में लाई जा रही है, डराने धमकाने की नीति, लोगों के हितों की सुरक्षा करना हम सबकी है ज़िम्मेदारी

नई दिल्ली। टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा ट्विटर के दफ्तरों पर पड़े छापे के बाद कंपनी ने अपना बयान जारी किया है। ट्विटर ने कहा है कि कंपनी भारत में मौजूद अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। कंपनी ने यह भी कहा है कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
हालांकि ट्विटर ने अपने बयान में सीधे तौर पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का ज़िक्र नहीं किया है। लेकिन जिस तरह से कंपनी ने भारत में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जताई है, उससे यह स्पष्ट है कि ट्विटर का इशारा दिल्ली पुलिस और भारत सरकार की कार्रवाई की ओर ही है।
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We, alongside many in civil society in India and around the world, have concerns with regards to the use of intimidation tactics by the police in response to enforcement of our global Terms of Service, as well as with core elements of the new IT Rules.
— Twitter Public Policy (@Policy) May 27, 2021
कंपनी ने कहा है कि इस समय हम भारत में हमारे कमर्चारियों के साथ हाल ही में हुई घटनाओं और उन लोगों जिनकी हम सेवा करते हैं, उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खतरे के प्रति चिंतित हैं। ट्विटर ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई का ज़िक्र किए बगैर कहा है कि हम, और भारत सहित दुनिया भर के सभ्य सामाज कानून लागू करने के लिए पुलिस की डराने धमकाने की कोशिश को लेकर चिंतित है। ट्विटर ने कहा है कि हमारा यह मानना है कि निर्वाचित प्रतिनिधि, इंडस्ट्री और सिविल सोसायटी की ज़िम्मेदारी लोगों के हितों की सुरक्षा करने की होती है।
दरअसल यह सारा बवाल बीजेपी द्वारा कांग्रेस पर उछाले गए टूलकिट विवाद से शुरू हुआ। लेकिन जल्द ही ट्विटर ने बीजेपी नेता संबित पात्रा के ट्वीट्स को मैनिपुलेटेड मीडिया करार दे दिया। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के ट्वीट को भी कंपनी ने मैनिपुलेटेड मीडिया बताया। ट्विटर की इस कार्रवाई के जवाब में दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम ने गुरुग्राम और दिल्ली स्थित ट्विटर के दफ्तरों पर छापेमारी की। जिसके बाद ट्विटर ने कर्मचारियों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर चिंता जाहिर की है।
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ट्विटर ने अपने बयान में यह भी कहा है कि कंपनी भारत के लोगों के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सेवा सार्वजनिक बातचीत और महामारी के दौरान लोगों के समर्थन के स्रोत के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है। अपनी सेवा उपलब्ध रखने के लिए, हम भारत में लागू कानून का पालन करने का प्रयास करेंगे। लेकिन, जैसा कि हम दुनिया भर में करते हैं, हम पारदर्शिता के सिद्धांतों, सेवा पर हर आवाज को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता, और कानून के शासन के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
हालांकि ट्विटर और भारत सरकार में पिछले कुछ महीनों से विवाद चल रहा है। किसान आंदोलन के दौरान जनवरी फरवरी महीने में भारत सरकार ने ट्विटर को पत्रकारों, एक्टिविस्ट और मीडिया संस्थानों के ट्विटर अकाउंट हटाने के लिए कहा था। जिसे ट्विटर ने हटाने से मना कर दिया था।