महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पद से दिया इस्तीफ़ा

अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने उगाही के आरोप लगाए थे, जिसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज ही देशमुख पर लगे आरोपों की जांच करने के लिए सीबीआई को निर्देश दिए हैं

Updated: Apr 05, 2021, 10:35 AM IST

मुंबई। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। बांबे हाइ कोर्ट के आज के फैसले के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार, डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार और सुप्रिया सुले से मीटिंग के पश्चात उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंप दिया। कुछ ही घंटे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने अनिल देशमुख पर लगे आरोपों के जांच की ज़िम्मेदारी सीबीआई को सौंपी है। लिहाज़ा अनिल देशमुख ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा देने का मन बना लिया है।

अनिल देशमुख पर बीते दिनों भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, तभी से उनकी कुर्सी खतरे में थी। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर देशमुख की शिकायत की थी। परमबीर सिंह ने कहा था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को हर महीने मुंबई के रेस्टोरेंट और बार से सौ करोड़ की उगाही करने का टारगेट दिया था।   

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परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद महाराष्ट्र की सियासत में खलबली मच गई। हालांकि खुद अनिल देशमुख और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने परमबीर सिंह के आरोपों को सिरे से खारिज किया था। शरद पवार ने कहा था कि परमबीर सिंह ने अपना ट्रांसफर होने के कारण देशमुख पर आरोप लगाए हैं। 

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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर लगे आरोपों की जांच करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सर्वोच्च अदालत ने परमबीर की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी। सुप्रीम कोर्ट से झटका मिलने के बाद परमबीर सिंह ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। जिसके बाद आज बॉम्बे हाई कोर्ट ने अनिल देशमुख पर लगे आरोपों के मद्देनज़र सीबीआई को जांच की ज़िम्मेदारी सौंप दी। 

हालांकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में सीबीआई को शुरूआती तौर पर जांच करने के निर्देश दिए हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि मामले की जांच शुरू करने के 15 दिन के भीतर सीबीआई की टीम जांच एजेंसी के डायरेक्टर को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। जांच रिपोर्ट में अगर देशमुख पर कोई मुकदमा दर्ज करने के लिए कोई वाजिब कारण मिलता है, इसके बाद ही सीबीआई देशमुख पर मुकदमा दर्ज करेगी।