मोलनुपिरवीर दवा से जागी उम्मीद, भारत में इमरजेंसी यूज की परमीशन जल्द मिलने की आशा

भारत में मर्क की कोरोना की दवा मोलनुपिरवीर की कीमत 2 से 4 हजार हो सकती है, घर पर ही दवा लेकर 4 से 5 दिनों में ठीक हो सकेंगे मरीज

Publish: Nov 11, 2021, 10:40 AM IST

Photo Courtesy: pharmaceutical
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पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों की जान लेने कोविड 19 से लड़ाई में हर देश अपने-अपने तरीके से जुटा है। इस बीमारी से बचाव के लिए लगाए जाने वाले टीके की खोज के बाद अब वैज्ञानिक इसकी दवा बनाने में जुटे हैं। अगर सब कुछ प्लानिंग के तहत रहा तो भारत को जल्द ही ओरल एंटीवायरल दवा के इमरजेंसी यूज की परमीशन मिल जाएगी। 

माना जा रहा है कि इस गोली से कोरोना का मध्यम से हल्के लक्ष्ण वाले मरीजों का इलाज आसानी से हो सकेगा। इस मेड इन इंडिया ओरल एंटीवायरल मेडेसिन के बारे में कोविड स्ट्रैटजी ग्रुप, CSIR के अध्यक्ष डॉक्टर राम विश्वकर्मा ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही इसके एमरजेंसी उपयोग की अनुमति दे दी जाएगी। जर्मन मर्क फार्मास्यूटिकल कंपनी की एंटीवायरल दवा मोलनुपिरवीर (Molnupiravir) के माध्यम से लोगों का कोरोना इलाज किया जा सकेगा।  CSIR के अध्यक्ष का कहना है कि फाइजर की एक अन्य टैबलेट पैक्सलोविड (Paxlovid) आने में थोड़ा वक्त लग सकता है।

मोलनुपिरवीर के बारे में कहा जा रहा है कि ये मेडेसिन कैप्सूल के रूप में है, जिसे वयस्क लोगों के इलाज में प्रभावी माना गया है। यह कोरोना के लक्षणों को कम करने में लाभदायक साबित हुई है, वहीं इसका कोई साइड इफेक्ट भी सामने नहीं आया है।  

CSIR के अध्यक्ष की मानें तो इन टैबलेट्स के बहुत फर्क पड़ेगा, उन्होंने कहा कि मेडेसिन कोरोना के ताबूत में अंतिम कील साबित होंगी। अध्यक्ष का दावा है कि भारत में मोलनुपिरवीर टैबलेट अन्य देशों की अपेक्षा पहले से ही उपलब्ध होगी। किसी भी दिन भारत में मोलनुपिरवीर टैबलेट के उपयोग की मंजूरी मिल सकती है।

मोलनुपिरवीर टैबलेट कोरोना के शुरुआती दिनों में बेहद असरदार पाई गई है। रिपोर्ट्स का दावा है कि इसकी कीमत 2000 रुपए से 4000 रुपए के बीच हो सकती है। जिसे बाद में 500 रुपए से 1000 रुपए तक सस्ता किया जा सकता है। ये दवा डाक्टर की सलाह पर घर में भी ली जा सकती है। माना जा रहा है कि इससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या का बोझ कम होगा। इससे हल्के से मध्यम कोरोना लक्षणों वाले मरीज दवा की चार गोलियां दिन में दो बार पांच दिनों तक लेंगे।  फिलहाल कोरोना की कोई सटीक दवा नहीं है, लक्षणों के आधार पर मरीजों का इलाज किया जाता है। केवल कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगाई जा रही है।