पहलगाम हमले में शहीद नेवी अफसर के घर पहुंचे राहुल गांधी, परिजनों से की मुलाकात
राहुल गांधी ने पहलगाम आतंकी हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद एकांत में उनके परिजनों से बातचीत की और संकट के इस समय में हरसंभव मदद और साथ का भरोसा दिलाया।

करनाल। पहलगाम में पर्यटकों पर कायराना हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। देशवासी आतंकियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसी बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बुधवार को हरियाणा के करनाल में नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के घर पहुंचे। विनय नरवाल इस हमले में शहीद हुए थे।
राहुल गांधी ने यहां शहीद विनय नरवाल के परिजनों से 1 घंटा 35 मिनट तक मुलाकात की। वह दोपहर 2:15 बजे लेफ्टिनेंट नरवाल के घर से रवाना हुए।राहुल गांधी ने यहां लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद एकांत में उनके परिजनों से बातचीत की और संकट के इस समय में हरसंभव मदद और साथ का भरोसा दिलाया।
रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि राहुल गांधी ने विनय नरवाल को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद एकांत में परिवार से बातचीत की। राहुल ने परिवार को ढांढस बंधाया है। हिमांशी की ट्रोलिंग के सवाल पर हुड्डा ने कहा कि इस पर विषय हमारा या राहुल गांधी का कोई उद्देश्य नहीं है कि हम कोई टिप्पणी करें। हमारा एकमात्र उद्देश्य विनय नरवाल को श्रद्धांजलि देना था।
बता दें कि लेफ्टिनेंट नरवाल की 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने हत्या कर दी थी। शादी के 7वें दिन ही आतंकियों ने पत्नी हिमांशी के सामने उन्हें 3 गोलियां मारी थीं। लेफ्टिनेंट नरवाल की पत्नी हिमांशी ही वह महिला थीं, जिसने सबसे पहले खुलासा किया कि आतंकियों ने नाम पूछकर टूरिस्टों को गोली मारी। इस हमले में 26 टूरिस्टों की मौत हुई थी।
लेफ्टिनेंट की हत्या के बदले को लेकर पत्नी हिमांशी ने देश के मुस्लिमों और कश्मीरियों के खिलाफ नफरत भरे बयानों पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि ये सही नहीं है। इसे लेकर उन्हें भी ट्रॉल किया गया और अभद्र टिप्पणियां की गई। उधर, हरियाणा सरकार ने कल (5 मई) की कैबिनेट मीटिंग में लेफ्टिनेंट नरवाल के परिवार को 50 लाख की वित्तीय मदद और एक सदस्य को सरकारी नौकरी को मंजूरी दे दी।