BJP सरकार ने OBC वर्ग के पीठ में छुरा घोंपा, सदन में गूंजा पुलिस आरक्षक भर्ती में ओबीसी आरक्षण का मुद्दा
पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा का 87 फीसदी पदों का परिणाम ही घोषित किया गया है। ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षित पदों में से 13 फीसदी पदों के परिणाम (यानी 965 पद) होल्ड कर दिए गए हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023 के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। इसे लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने परीक्षा परिणाम को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने विधानसभा में कहा कि भाजपा सरकार ने OBC वर्ग के पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) द्वारा पुलिस आरक्षक संवर्ग सीधी भर्ती परीक्षा-2023 का अंतिम परिणाम बुधवार को जारी किया गया। अभ्यर्थी इस परीक्षा के परिणाम का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। फिलहाल 87% पदों (जिसमें 14% ओबीसी पद शामिल हैं) का परिणाम घोषित किया गया है। ओबीसी के 27% आरक्षित पदों में से 13% पदों के परिणाम (यानी 965 पद) होल्ड कर दिए गए हैं।
इसे लेकर सियासत गर्म है। गुरुवार को विधानसभा में कसरावद से कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने यह मुद्दा उठाया। पूर्व मंत्री यादव ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से पूछा कि आखिर किस वजह से 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण में से 13 फीसदी को होल्ड किया। यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग से कुठाराघात कर पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।
इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने भी इसे लेकर मोहन सरकार को घेरा था। यादव ने बुधवार रात एक ट्वीट में लिखा कि ओबीसी वर्ग से साथ लगतार खिलवाड़ हो रहा है। कांग्रेस सरकार द्वारा दिए गए ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण में से 13 फीसदी ओबीसी वर्ग का परिणाम बिना किसी जानकारी के रोक दिया गया। भाजपा सरकार को इस बात का स्पष्टीकरण देना चाहिए, किस आधार पर 13 फीसदी अभ्यर्थियों का परिणाम रोका गया? आखिर आरक्षण विरोधी भाजपा सरकार कब तक ओबीसी वर्ग के साथ खिलवाड़ करती रहेगी?