कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विपक्ष एकजुट, कांग्रेस समेत 16 दल करेंगे राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार

विपक्षी दलों का आरोप, संसद में बहस के बिना जबरन पारित कराए गए तीनों कृषि कानून

Updated: Jan 28, 2021, 02:54 PM IST

Photo Courtesy: Indian express
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दिल्ली। संसद के बजट सत्र की शुरुआत से पहले ही विपक्ष ने अपने तेवर तीखे कर दिए हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, अकाली दल, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत 16 पार्टियों ने पहले दिन होने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया है। 29 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया जाएगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजद ने गुरुवार को इस फैसले में शामिल सभी राजनीतिक दलों की ओर से यह जानकारी दी। विपक्ष का कहना है कि तीनों कृषि कानूनों को बिना बहस किए जबरन सदन में जबरन पारित किया गया है।

 

29 जनवरी को संसद सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति का अभिभाषण होना है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने वाले हैं। संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति सरकार की योजनाओं के बारे में बात करेंगे। कोरोना महामारी की वजह से बैठक व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं। राष्ट्रपति का अभिभाषण पंरपरा अनुसार सेंट्रल हाल में होता आया है, लेकिन कोरोना गाइड लाइन्स की वजह से संसद सदस्य सेंट्रल हॉल के साथ-साथ लोक सभा और राज्य सभा में भी बैठेंगे। लेकिन कांग्रेस समेत 16 पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध करने का ऐलान किया है। विपक्ष किसान आंदोलन का मुद्दा उठाने की तैयारी में हैं।

वहीं आम आदमी पार्टी के संजय सिंह का बयान आया है उन्होंने कहा है कि ' हम लोग तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे।

 

राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का फ़ैसला करने वाले दलों में कांग्रेस के अलावा एनसीपी, शिवसेना, टीएमसी, डीएमके, आरजेडी, सीपीएम, सीपीआई, पीडीपी और समाजवादी पार्टी समेत कुल 16 दल शामिल हैं।