अंतिम अरदास में शामिल हुईं प्रियंका गांधी, मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की

प्रियंका गांधी के साथ साथ यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय लल्लू और कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल रहे

Publish: Oct 12, 2021, 09:14 AM IST

Photo Courtesy: Twitter
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लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज लखीमपुर खीरी पहुंच कर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। लखीमपुर नरसंहार में अपनी जान गंवाने वाले मृतकों के अंतिम अरदास में आज कांग्रेस महासचिव शामिल हुईं। प्रियंका गांधी के साथ साथ यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू और दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी अंतिम अरदास में शामिल रहे। 

अंतिम अरदास को मृतक किसानों और दिवंगत पत्रकार रमन कश्यप की याद में आयोजित किया गया था। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अंतिम अरदास का आयोजन किया गया था। किसान नेता राकेश टिकैत भी अंतिम अरदास में हिस्सा लेने लखीमपुर पहुंचे थे। 

3 अक्टूबर को लखीमपुर में किसानों को गाड़ी से बेहरमी से रौंद दिया गया था। इस नरसंहार में चार किसानों, पत्रकार रमन कश्यप सहित कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस नरसंहार का आरोप केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर लगा। हालांकि हत्या का मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा लगातार नरसंहार में अपनी संलिप्तता होने से इनकार करता रहा। 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी किसानों की निर्मम हत्या की खबर लगते ही लखीमपुर की ओर रवाना हो गईं। प्रियंका गांधी को मृतकों के परिजनों से मिलने जाता देख अन्य दलों के नेताओं ने भी लखीमपुर जाने का एलान किया। हालांकि प्रियंका गांधी को लखीमपुर जाने से पहले ही बिना किसी वारंट या एफआईआर के हिरासत में ले लिया गया। 

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प्रियंका गांधी दो दिन से ज्यादा समय तक सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में कैद रहीं। 6 अक्टूबर को जैसे ही राहुल गांधी ने लखनऊ का रुख किया वैसे ही योगी सरकार ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लखीमपुर जाने की अनुमति दे दी। राहुल और प्रियंका ने मृतकों से परिजनों के मिलने के बाद उन्हें हर हाल में न्याय दिलाने का वादा किया। 

योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख रुपए की मुआवजा राशि देने का एलान किया। वहीं कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और पंजाब की सरकारों ने मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए देने का ऐलान किया। जल्द ही लखीमपुर नरसंहार का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और योगी सरकार पर इस मामले में कार्रवाई करने के लिए और दबाव बन गया। आखिरकार मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। 

लेकिन कांग्रेस अब भी इस संतुष्ट नहीं है। कांग्रेस लगातार केंद्रीय मंत्री अजय निश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग कर रही है, ताकि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।