एशिया की सबसे उम्रदराज हथिनी वत्सला नहीं रही, पन्ना टाइगर रिजर्व में ली आखिरी सांस

PTR में दादी के नाम से मशहूर वत्सला हाथियों के कुनबे में एक खास स्थान रखती थी। वह न केवल अन्य हथिनियों के बच्चों की देखभाल करती थी, बल्कि नए बच्चों के जन्म के समय एक कुशल दाई की भूमिका भी निभाती थी।

Updated: Jul 09, 2025, 10:46 AM IST

पन्ना। एशिया की सबसे उम्रदराज हथिनी हमारे बीच नहीं रही। पन्ना टाइगर रिजर्व की शान कही जाने वाली हथिनी वत्सला ने पन्ना रिजर्व के हिनौता रेंज स्थित हाथी कैंप में मंगलवार दोपहर करीब 1:30 बजे अंतिम सांस ली। वत्सला की उम्र 100 साल से अधिक थी और वह लंबे समय से बीमार चल रही थी।

हथिनी की मौत की सूचना मिलते ही पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक अंजना सुचिता तिर्की, डिप्टी डायरेक्टर मोहित सूद और वन्यप्राणी डॉक्टर संजीव गुप्ता अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। हिनौता कैम्प में हथिनी का अंतिम संस्कार किया गया।

दादी के नाम से मशहूर वत्सला हाथियों के कुनबे में एक खास स्थान रखती थी। वह न केवल अन्य हथिनियों के बच्चों की देखभाल करती थी, बल्कि नए बच्चों के जन्म के समय एक कुशल दाई की भूमिका भी निभाती थी। 

वत्सला का जन्म केरल के नीलांबुर वन में हुआ था। 1971 में उसे मध्य प्रदेश के होशंगाबाद लाया गया था। 1993 में उसे पन्ना टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित किया गया था, जहां वह 10 साल तक बाघों की ट्रैकिंग में मदद करती रही। 2003 में उसे रिटायर कर दिया गया, लेकिन तब से वह अन्य हाथियों के बच्चों की देखभाल कर रही थी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वत्सला के निधन पर शोक जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'वत्सला का सौ वर्षों का साथ आज विराम पर पहुंचा। पन्ना टाइगर रिजर्व में आज दोपहर 'वत्सला' ने अंतिम सांस ली। वह मात्र हथिनी नहीं थी, हमारे जंगलों की मूक संरक्षक, पीढ़ियों की सखी और मप्र की संवेदनाओं की प्रतीक थी।' 

उन्होंने आगे लिखा, 'टाइगर रिजर्व की यह प्रिय सदस्य अपनी आंखों में अनुभवों का सागर और अस्तित्व में आत्मीयता लिए रही। उसने कैंप के हाथियों के दल का नेतृत्व किया और नानी-दादी बनकर हाथी के बच्चों की स्नेह पूर्वक देखभाल भी की। वह आज हमारे बीच नहीं है, पर उसकी स्मृतियां हमारी माटी और मन में सदा जीवित रहेंगी। वत्सला को विनम्र श्रद्धांजलि।'

बता दें कि वत्सला को दुनिया की सबसे उम्रदराज हथिनी माना जाता था। हालांकि जन्म का रिकॉर्ड उपलब्ध न होने की वजह से इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया जा सका। पीटीआर प्रबंधन ने उसकी सटीक उम्र जानने के लिए दांतों के सैंपल भी लैब में भेजे थे, लेकिन वहां भी कोई निश्चित परिणाम नहीं मिल सका। वर्तमान में ताइवान की हथिनी लिंगवान के नाम दुनिया की सबसे बुजुर्ग हथिनी का रिकॉर्ड दर्ज है।