GDP को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना, बोले- सिर्फ अरबपतियों को मिल रहा भारतीय अर्थव्यवस्था का फायदा

भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक नई सोच चाहिए और बिज़नेसेस के लिए एक न्यू डील उसका अहम भाग है। सबको समान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा, तभी हमारी अर्थव्यवस्था का पहिया आगे बढ़ेगा: राहुल गांधी

Updated: Dec 01, 2024, 06:38 PM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तमाम दावों के बीच आर्थिक मोर्चे पर भारत पिछड़ता जा रहा है। देश की GDP वृद्धि दर सुस्त होकर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है। इसे लेकर राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। साथ ही कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का फायदा सिर्फ उद्योगपति उठा रहे हैं।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'भारत की GDP ग्रोथ रेट दो साल में सबसे नीचे 5.4% पर आ गई है। बात साफ है - भारतीय अर्थव्यवस्था तब तक तरक्की नहीं कर सकती जब तक इसका फ़ायदा सिर्फ़ गिने-चुने अरबपतियों को मिल रहा हो और किसान, मज़दूर, मध्यमवर्ग और ग़रीब तरह-तरह की आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हों।'

राहुल गांधी ने कहा कि इन तथ्यों पर एक नज़र डालिए, देखिए स्थिति कितनी चिंताजनक है: 

- खुदरा महंगाई दर बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21% पर पहुंच गई है। पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस वर्ष आलू और प्याज़ की क़ीमत लगभग 50% बढ़ गई है।

- रुपया 84.50 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।

- बेरोज़गारी पहले ही 45 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है।

- पिछले 5 सालों में मज़दूरों, कर्मचारियों और छोटे व्यापारियों की आमदनी या तो ठहर गई है या काफी कम हो गई है।

- आमदनी कम होने से मांग में भी कमी आई है। 10 लाख से कम क़ीमत वाले कारों की बिक्री में हिस्सेदारी घटकर 50% से कम हो गई है, जो 2018-19 में 80% थी। 

- सस्ते घरों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी घटकर क़रीब 22% रह गई है, जो पिछले साल 38% थी। FMCG प्रोडक्ट्स की मांग पहले से ही कम होती जा रही है।
 
- कॉरपोरेट टैक्स का हिस्सा पिछले 10 सालों में 7% कम हुआ है, जबकि इनकम टैक्स 11% बढ़ा है।

- नोटबंदी और GST की मार से अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग का हिस्सा घटकर 50 वर्षों में सबसे कम सिर्फ़ 13% रह गया है। ऐसे में नई नौकरियों के अवसर कैसे बनेंगे?

कांग्रेस नेता ने आखिर में लिखा है कि इसीलिए भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक नई सोच चाहिए और बिज़नेसेस के लिए एक न्यू डील उसका अहम भाग है। सबको समान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा, तभी हमारी अर्थव्यवस्था का पहिया आगे बढ़ेगा।