जनसंख्या के आधार पर परिसीमन के खिलाफ तेलंगाना विधानसभा में प्रस्ताव पास, CM ने बताया प्रतिनिधित्व घटाने की साजिश

तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी लोकसभा में दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व कम करके केंद्र सरकार के गठन में उन्हें अप्रासंगिक बनाने की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही है।

Updated: Mar 27, 2025, 07:09 PM IST

हैदराबाद। जनसंख्या के आधार परिसीमन के विरुद्ध दक्षिणी राज्यों ने मोर्चा खोल रखा है। तेलंगाना विधानसभा ने गुरुवार को जनसंख्या के आधार पर प्रस्तावित परिसीमन के खिलाफ प्रस्ताव पास किया है। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी द्वारा विधानसभा में पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के लिए जनसंख्या को एकमात्र पैमाना नहीं बनाया जाना चाहिए। 

मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने दावा किया कि यदि जनसंख्या के आधार पर परिसीमन किया जाता है तो लोकसभा की सीट संख्या में दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व 24 प्रतिशत से घटकर 19 प्रतिशत रह जाने की आशंका है। उन्होंने बीजेपी का नाम लिए बगैर आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी लोकसभा में दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व कम करके केंद्र सरकार के गठन में उन्हें अप्रासंगिक बनाने की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही है।

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मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने प्रस्ताव पेश करते हुए तेलंगाना के सभी दलों से राज्य के हितों की रक्षा के लिए केंद्र से मिलकर बात करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र हमारे मुद्दे पर एकमत है तो ठीक है, अन्यथा हमें संघर्ष करना होगा। तेलंगाना विधानसभा के अध्यक्ष जी. प्रसाद कुमार ने प्रस्ताव पारित होने की घोषणा की।

बता दें कि जनसंख्या के आधार पर प्रस्तावित परिसीमन के खिलाफ दक्षिण भारत के राज्यों में विरोध बढ़ता जा रहा है। हाल ही में तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के नेतृत्व में दक्षिणी राज्यों के नेताओं ने बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने जनसंख्या आधारित परिसीमन के विरुद्ध एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया। स्टालिन ने बैठक के बाद कहा कि इस मामले में कानून का भी सहारा लिया जा सकता है। वहीं केरल के सीएम पिनराई विजयन ने मुद्दे को संकीर्ण राजनीतिक हितों से प्रेरित करार दिया। इस बैठक में रेवंत रेड्डी, भगवंत मान औऱ डीके शिवकुमार भी शामिल हुए थे।