ऑपरेशन डर्टी पॉलिटिक्स: बिहार चुनाव से पहले बेनकाब हुआ हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट, नेताओं तक पहुंचाई जाती थीं लड़कियां

बिहार चुनाव से पहले एक स्टिंग ऑपरेशन में नेताओं तक विदेशी लड़कियों की सप्लाई करने वाले हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस नेटवर्क में राजनीति से जुड़े कई प्रभावशाली नाम सामने आए हैं।

Publish: Nov 06, 2025, 03:46 PM IST

Photo Courtesy: Jagran
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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले देश की राजनीति को हिला देने वाला खुलासा सामने आया है। एक अंडरकवर इन्वेस्टिगेशन में यह पर्दाफाश हुआ है कि बिहार से लेकर दिल्ली, यूपी, झारखंड और नेपाल बॉर्डर तक फैला एक बड़ा नेटवर्क वीआईपी नेताओं और बिजनेसमैन को हाई-प्रोफाइल लड़कियां सप्लाई करता है। यही नहीं, विदेशी युवतियों को भी टूरिस्ट वीजा पर भारत लाकर नेताओं की डिमांड के अनुसार उपलब्ध कराया जाता है।

इन्वेस्टिगेशन का यह खुलासा पटना के एमएलसी आवास से शुरू होकर दिल्ली-नेपाल बॉर्डर तक पहुंचा। रिपोर्ट में सामने आया कि इस नेटवर्क की जड़ें बिहार के आरपीएस मोड़, होटल बेली ग्रैंड, दिल्ली, यूपी और नेपाल के बीच गहराई से फैली हैं। एजेंट्स न केवल स्थानीय बल्कि विदेशी लड़कियों की भी वीआईपी डिमांड पर व्यवस्था करते हैं।

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अंडरकवर कैमरे में कैद एक युवती ने बताया,“मैं रोज एमएलसी फ्लैट में जाती हूं। वहां किसके पास जाती हूं ये नहीं पूछती। हम लोगों का काम सिर्फ वीआईपी को खुश करना है। मोबाइल नंबर न देते हैं न लेते हैं। ऑर्डर आता है और हम पहुंच जाते हैं।” उसने यह भी कहा कि पूरा नेटवर्क एजेंट्स के जरिये चलता है और कोई भी लड़की सीधे संपर्क नहीं करती ताकि ट्रेस न हो सके।

जांच के दौरान रिपोर्टर्स को राजधानी पटना के आरपीएस मोड़ स्थित होटल बेली ग्रैंड में बुलाया गया। जहां से इस हाई-प्रोफाइल नेटवर्क की परतें खुलनी शुरू हुईं। वहीं, पहली मुलाकात हुई अंकिता नाम की लड़की से जिसने साफ कहा,“हमारी सर्विस सिर्फ बड़े नेताओं और वीआईपी लोगों के लिए होती है। बॉस सब डील करता है। हम तो सिर्फ सर्विस देते हैं। नेताओं की पसंद पूरी करना आसान नहीं होता जो कर सके वही भेजा जाता है।”

कुछ देर बाद एजेंट ने एक और युवती रवीशा को भेजा। एजेंट के अनुसार, वह नेताओं को पलभर में पिघला देने वाली हाई-डिमांड कॉलगर्ल है। रवीशा ने भी खुलकर कहा,“हम सिर्फ वीआईपी और पॉलिटिशियन लोगों के लिए ही काम करते हैं। डे और नाइट दोनों के रेट अलग हैं। सामने वाले की चॉइस के हिसाब से सब तय होता है।”

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जांच आगे बढ़ी तो टीम की मुलाकात डिंपल नाम की सप्लायर से हुई। वह पश्चिमी चंपारण की रहने वाली है। डिंपल का नेटवर्क दिल्ली से लेकर नेपाल बॉर्डर तक फैला है। वह बिहार, यूपी और दिल्ली की लड़कियों को स्टे हाउस में रखती है और डिमांड के अनुसार राज्यों में भेजती है। डिंपल ने बातचीत में कहा,“नेता लोगों को जो चाहिए वो हम लोग मुहैया कराते हैं। ऐश-मौज सब कराती हैं लड़कियां। इनमें विदेशी लड़कियां भी शामिल हैं जो नेपाल के रास्ते भारत आती हैं।” उसने यह भी बताया कि उसके पास 18 से 25 वर्ष की उम्र की कई घरेलू लेकिन आकर्षक लड़कियां हैं जिन्हें नेताओं और बिजनेसमैन के पास भेजा जाता है।

इन्वेस्टिगेशन के दौरान एजेंट राहुल ने खुलासा किया कि विदेशी लड़कियों को थाईलैंड से टूरिस्ट वीजा पर भारत लाया जाता है। वीजा खत्म होने के बाद उन्हें छिपाकर रखा जाता है और पुलिस को मैनेज किया जाता है। राहुल ने कहा,“विदेशों में भी हमारे एजेंट हैं। पैसा दो और लड़की आ जाती है। पांच से ज्यादा थाई लड़कियां पहले भी बिहार लाई गई थीं। वह टूरिस्ट वीजा पर यहां आती हैं फिर वीजा कैंसिल होने के बाद भी यहीं रुकती हैं।”  उसने आगे बताया,“वीआईपी नेताओं के लिए स्पेशल अरेंजमेंट करना पड़ता है। चुनाव में 100 से ज्यादा लड़कियों की टीम रेडी रहती है।”

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रिपोर्ट की सबसे अहम कड़ी संतोष नाम का एजेंट निकला। वह बिहार, यूपी, झारखंड, बंगाल, एमपी, छत्तीसगढ़ और दिल्ली तक फैले इस रैकेट का हिस्सा है। संतोष ने खुलासा किया,“लड़कियां यूपी से दिलवाऊंगा। कोलकाता जाऊंगा तो सैकड़ों मिल जाएंगी। गरीब स्टेट से लाओगे तो सस्ता पड़ेगा और सुंदरता भी मिलेगी।” संतोष ने दावा किया कि पंचायत चुनाव से लेकर बड़े राजनीतिक नेताओं तक सभी को वीआईपी सर्विस दी जाती है। उसने कहा,“हमारा नेटवर्क नेताओं से लेकर अपराधियों तक फैला है। सबको लड़की चाहिए। जो दे सके वही बॉस कहलाता है।”

रिपोर्ट में सामने आया कि लड़कियां पूरी तरह प्रोफेशनल हैं और 6–7 साल से इस नेटवर्क का हिस्सा हैं। डे-नाइट और पर्सन-टू-पर्सन रेट अलग-अलग हैं। सुरक्षा और ठिकाने का इंतजाम नेता या ग्राहक पक्ष ही करता है। नेटवर्क का संचालन एजेंट्स, स्थानीय होटल मैनेजरों और राजनीतिक संपर्कों के जरिये किया जाता है। चुनावी मौसम में वीआईपी डिमांड के अनुसार स्पेशल बुकिंग होती है जिसके लिए देशभर से लड़कियों को बुलाया जाता है।

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यह खुलासा बताता है कि बिहार और आसपास के राज्यों में राजनीति, अपराध और सेक्स रैकेट का एक समानांतर सिस्टम चल रहा है। विदेशी लड़कियों का इस्तेमाल वीआईपी नेताओं को खुश करने के लिए किया जाता है और एजेंट्स खुले तौर पर पुलिस मैनेज करने का दावा करते हैं। जांच में सामने आए वीडियो, कॉल रिकॉर्डिंग और बातचीत यह दिखाते हैं कि कैसे चुनावी तैयारियों के बीच एक डर्टी नेटवर्क काम करता है जो सत्ता, पैसा और अपराध को एक साथ जोड़ता है।