पढ़े लिखे नेताओं को ही वोट दें, टीचर ने स्टूडेंट्स से अपील की तो Unacademy ने नौकरी से निकाला

करण सांगवान ने एक लेक्चर के दौरान, बिना किसी का नाम लिए, छात्रों से ये अपील की थी कि वे अनपढ़ लोगों को वोट न दें। बस इसी बात के लिए Unacademy ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया।

Updated: Aug 18, 2023, 11:15 AM IST

नई दिल्ली। एड-टेक प्लेटफॉर्म अनएकेडमी (Unacademy) ने एक टीचर को सिर्फ इसलिए नौकरी से बर्खास्त कर दिया क्योंकि उन्होंने छात्रों से पढ़े लिखे नेताओं को वोट देने की अपील की थी। कंपनी के इस फैसले की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हो रही है। Unacademy के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा कि टीचर ने राजनीतिक टिप्पणी करके हमारे ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ का उल्लंघन किया और इसलिए कंपनी को उनसे अलग होना पड़ा। हालांकि, अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या पढ़े-लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना 'कोड ऑफ कंडक्ट’ का उल्लंघन माना जाएगा?

टीचर करण सांगवान ने अपने एक लेक्चर के दौरान, बिना किसी नेता अथवा पार्टी का नाम लिए, छात्रों से अपील की थी कि वे अशिक्षित लोगों को सत्ता के पदों पर न बिठाएं और आगामी चुनावों में एक पढ़े-लिखे व्यक्ति को ही वोट दें। बस इतनी सी बात के लिए कंपनी में उन्हें नौकरी से निकाल दिया। कंपनी ने अपने बयान में हास्यास्पद तर्क देते हुए कहा कि वह शिक्षकों को कक्षा में अपनी व्यक्तिगत राय साझा करने की अनुमति नहीं देती है। क्योंकि यह सीखने में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

अनएकेडमी के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा कि करण सांगवान ने अनुबंध का उल्लंघन किया था और इसलिए कंपनी को उनसे अलग होना पड़ा। उन्होंने ट्वीट किया, ''हम एक शिक्षा मंच हैं जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसा करने के लिए हमने अपने सभी शिक्षकों के लिए एक सख्त आचार संहिता लागू की है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे शिक्षार्थियों को निष्पक्ष ज्ञान मिले। कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है क्योंकि वे उन्हें गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं। वर्तमान स्थिति में हमें करण सांगवान से अलग होने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।"

बहरहाल, कंपनी के इस कार्रवाई की तीखी आलोचना हो रही है। दिल्ली सीएम केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ''क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूं। लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। ये साइंस और टेक्नोलॉजी का ज़माना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते।"