BBC डॉक्यूमेंट्री पर DU में हंगामा, फैकल्टी ऑफ आर्ट्स से कई छात्र गिरफ्तार, धारा 144 लागू

दिल्ली विश्वविद्यालय से पहले BBC की इस डॉक्यूमेंट्री को JNU और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी दिखाने की योजना थी लेकिन इन दोनों विश्वविद्यालय में भी प्रशासन ने उन्हें इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की इजाजत नहीं दी थी।

Updated: Jan 27, 2023, 01:01 PM IST

नई दिल्ली। गुजरात दंगों में पीएम मोदी की भूमिका को उजागर करने वाली BBC की डॉक्यूमेंट्री को लेकर देशभर में बवाल बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय में स्क्रीनिंग करने को लेकर जमकर बवाल देखने को मिला। छात्र इस डॉक्यूमेंट्री को DU के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स में दिखाने की तैयारी में थे। हालांकि, परिसर में धार 144 लागू कर दर्जनों छात्रों को प्रशासन ने हिरासत में ले लिया।

दरअसल, शुक्रवार को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर फैकल्टी ऑफ आर्ट्स में बड़ी संख्या में छात्र जमा भी हुए थे। लेकिन प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं दी। कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने KSU के साथ मिलकर इस स्क्रीनिंग का आयोजन कराने की तैयारी में थी। प्रशासन द्वारा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोके जाने से गुस्सा छात्रों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की। इसके बाद पुलिस ने DU फैकल्टी ऑफ आर्ट्स से कई छात्रों को हिरासत में लिया है।

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छात्रों का कहना था कि वे यह डॉक्यूमेंट्री देखना चाहते हैं, जबकि पुलिस उन्हें देखने नहीं दे रही है। वहीं, पुलिस का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, लिहाजा इसकी स्क्रीनिंग की इजाजत नहीं दी जा सकती। पुलिस ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की आर्ट्स फैकल्टी के पास धारा 144 लागू है। यहां भीड़ जमा होने की इजाजत नहीं दी जा सकती। हंगामे के बाद कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया है।

दिल्ली विश्वविद्यालय से पहले BBC की इस डॉक्यूमेंट्री को JNU और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी दिखाने की योजना थी लेकिन इन दोनों विश्वविद्यालय में भी प्रशासन ने उन्हें इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की इजाजत नहीं दी थी। हालांकि, JNU में विश्वविद्यालय प्रशासन से इजाजत ना मिलने के बाद छात्रों ने अपने स्तर पर इस डॉक्यूमेंट्री को फोन और लॉपटैप पर जरूर देखा था।

डॉक्यूमेंट्री को अपने स्तर पर दिखाए जाने के बाद JNU में छात्रों के बीच कथित तौर पर आपसी झड़प की भी खबर आई थी। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष आयशी घोष ने दावा किया था कि जेएनयू प्रशासन ने छात्र संघ कार्यालय की बिजली काटी, साथ ही इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था ताकि छात्र इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग ना कर पाएं। हालांकि बाद में ऑफिस में बिजली और इंटरनेट बहाल कर दिया गया था।

जेएनयूएसयू की अध्‍यक्ष आयशी घोष ने कहा था कि हम क्‍यूआर कोड का इस्‍तेमाल करके मोबाइल के जरिए डॉक्‍यूमेंट्री देखेंगे। जबकि जेएनयू प्रशासन ने डॉक्‍यूमेंटी की स्‍क्रीनिंग की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। 'ब्लैकआउट' के बाद, छात्र कैंपस के अंदर एक कैफेटेरिया पहुंचे, जहां उन्होंने अपने सेलफोन और लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री देखी। आरोप है कि जब वे डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, तब झाड़ियों के पीछे से उन पर कुछ पत्थर फेंके गए।