राजगढ़ जिला अस्पताल में ऑक्सीजन पाइप चोरी, 12 नवजातों की जान पर बना संकट

राजगढ़ जिला अस्पताल में मंगलवार रात चोरों ने नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) की ऑक्सीजन सप्लाई पाइपलाइन काट दी, जिससे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे 12 नवजातों की जान खतरे में पड़ गई।

Updated: Dec 18, 2024, 03:43 PM IST

राजगढ़| जिला अस्पताल में मंगलवार देर रात एक गंभीर घटना सामने आई, जब चोरों ने नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) की ऑक्सीजन सप्लाई लाइन काट दी। इस घटना के समय NICU में 20 नवजात भर्ती थे, जिनमें से 12 बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। पाइपलाइन कटने से ऑक्सीजन सप्लाई अचानक बंद हो गई, जिससे बच्चों की जान खतरे में पड़ गई। घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल स्टाफ ने तुरंत सीनियर डॉक्टरों को बुलाया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएस माथुर तुरंत अस्पताल पहुंचे और इमरजेंसी जंबो सिलेंडर का इस्तेमाल कर बच्चों को ऑक्सीजन देना शुरू किया। समय पर कदम उठाए जाने से बच्चों की जान बचाई जा सकी।

घटना के दौरान अस्पताल में हड़कंप मच गया। ऑक्सीजन सप्लाई रुकने के कारण NICU में भर्ती बच्चे जोर-जोर से रोने लगे और अलार्म बजने लगा। जांच में पता चला कि पोस्टमार्टम रूम के पास से लगभग 10 से 15 फीट कॉपर पाइप काटकर चोरी की गई थी। स्टाफ ने तुरंत बैकअप सिलेंडर से ऑक्सीजन सप्लाई चालू कर स्थिति को नियंत्रित किया।

सिविल सर्जन नितिन पटेल ने बताया कि चोरों ने लिक्विड ऑक्सीजन लाइन को जानबूझकर काटा था। अस्पताल में बैकअप सिलेंडर उपलब्ध होने पर स्थिति को संभाल लिया गया, लेकिन यह घटना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि चोरी की यह घटना 20 दिनों में दूसरी बार हुई है। 28 नवंबर को भी चोरों ने नई बिल्डिंग में 55 फीट लंबी ऑक्सीजन पाइपलाइन काटकर चुरा ली थी। अब तक अस्पताल परिसर में पाइप चोरी की चार घटनाएं हो चुकी हैं।

अस्पताल में सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है। परिसर में लगे 64 सीसीटीवी कैमरों में से सिर्फ 10-12 कैमरे ही चालू स्थिति में हैं। हालांकि अस्पताल में 14 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, लेकिन चोरी की इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पाया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि चोर लोहे की जाली काटकर ऑक्सीजन प्लांट में घुसे थे। उन्होंने ब्लास्ट से बचने के लिए पहले ऑक्सीजन टैंक की सप्लाई बंद की और फिर पाइपलाइन को काटा।

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इस घटना से अस्पताल में भर्ती बच्चों के परिजनों में डर और गुस्से का माहौल है। एक बच्चे के रिश्तेदार अजब सिंह ने बताया कि घटना के समय उन्होंने बच्चों के रोने की आवाजें सुनीं, लेकिन उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि अब वे अपने नाती को अस्पताल से छुट्टी दिलाकर गांव ले जाना चाहते हैं, क्योंकि यहां की स्थिति से वे संतुष्ट नहीं हैं। इसी तरह, गुना जिले के जगमोहन लोधी ने कहा कि उनकी बच्ची पिछले कई दिनों से ऑक्सीजन सपोर्ट पर है। घटना के बाद वे भी अस्पताल के स्टाफ के रवैये और सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर बेहद नाराज हैं।

घटना ने अस्पताल प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार हो रही चोरी की घटनाओं के बावजूद ठोस कदम न उठाए जाने से चोरों के हौसले बुलंद हैं। घटना के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है और अस्पताल प्रशासन ने भी सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है।