निजी संस्थानों को अपने खर्च पर लगाने होंगे CCTV कैमरे, लोक सुरक्षा विधेयक लाने की तैयारी में जुटा मप्र गृह विभाग

अपराध पर नियंत्रण और निगरानी के लिए लोक सुरक्षा विधेयक लाने की तैयारी में गृह विभाग, शॉपिंग मॉल, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और सिनेमाघर संचालकों को स्वयं के व्यय पर लगाने होंगे कैमरे।

Updated: Jan 11, 2024, 09:59 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में अपराध पर नियंत्रण और निगरानी के लिए राज्य सरकार अहम पहल करने जा रही है। अब निजी संस्थानों को अपने खर्च पर सीसीटीवी कैमरे लगवाना अनिवार्य किया जाएगा। इसके लिए गृह विभाग लोक सुरक्षा विधेयक लाने की तैयारी में है।

इस विधेयक के पारित होने के बाद प्रदेश में लोक सुरक्षा के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ऐसे स्थान, जहां भीड़भाड़ होती है, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। शॉपिंग मॉल, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और सिनेमाघर संचालकों को खुद के खर्चे पर इसकी व्यवस्था करनी होगी। इन्हें दो माह तक न केवल डाटा सुरक्षित रखना होगा बल्कि जब भी पुलिस को जांच के लिए आवश्यकता होगी तो इसे अनिवार्य रूप से देना होगा। 

बताया जा रहा है शुरुआत में सभी संस्थानों को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए समय दिया जाएगा। हालांकि, तय समय में यदि कैमरों की व्यवस्था नहीं की जाती है तो फिर आर्थिक दंड लगेगा। पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने नवंबर 2022 में लोक सुरक्षा के लिए नगरीय क्षेत्रों में भीड़भाड़ वाले इलाकों में निजी संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए गृह विभाग ने लोक सुरक्षा विधेयक लाने की तैयारी की थी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय और विधि विभाग के अधिकारियों से तेलंगाना के अधिनियम का अध्ययन भी कराया गया था पर इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था।

अब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इंदौर संभाग के विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान अपराध पर नियंत्रण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद गृह विभाग ने एक बार फिर नगरीय क्षेत्रों के भीड़भाड़ वाले इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाने संबंधी विधेयक की तैयारी को शुरू कर दी है।