हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर संसद में हंगामा, विपक्ष ने की संसद या कोर्ट की जांच कमेटी गठित करने की मांग

विपक्ष का कहना है कि इस हाई प्रोफाइल फ्रॉड मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित की जाए या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच हो।

Updated: Feb 02, 2023, 03:13 PM IST

नई दिल्ली। अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से हुए खुलासे का मुद्दा आज संसद में भी गूंजा, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा में कामकाज नहीं हो पाया। सुबह 11 बजे संसद की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस समेत अन्य कई विपक्षी दलों ने अडानी पर चर्चा की मांग उठाई, जिसके बाद बढ़ते हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

दरअसल, विपक्षी दलों के सदस्य हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में निरंतर गिरावट से भारतीय निवेशकों के लिए जोखिम पर चर्चा की मांग की। उन्होंने एक संसदीय पैनल या सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति से जांच कराने के लिए भी कहा। कांग्रेस ने अडानी एंटरप्राइजेज के मामले को लेकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की देखरेख में इस पूरे मामले की जांच की जाए और उसकी रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए। अथवा इस मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन किया जाए।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अडानी एंटरप्राइजेज का प्रत्यक्ष उल्लेख किए बिना राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया था। नोटिस में मांग की गई थी कि बाजार में पूंजी गंवाती कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के निवेश के मुद्दे पर चर्चा कराई जाए। 

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हैरानी की बात ये है कि राज्यसभा के अध्यक्ष, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की मांग को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि वे क्रम में नहीं थे। इससे नाराज विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की। जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी विपक्षी दलों के सांसद लगातार अडानी पर चर्चा की अपनी मांगों को लेकर हंगामा और नारेबाजी करते रहे। ऐसे में राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

उधर लोकसभा में लोकसभा में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी कार्यस्थगन का नोटिस देकर अडानी एंटरप्राइजेज के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी। जैसे ही गुरुवार को दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हुई तो हंगामा हो गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनके अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया और सदस्यों से निराधार दावे नहीं करने के लिए कहा।

चर्चा की मांग खारिज होने से नाराज विपक्षी सांसद वेल में आ गए और हंगामा करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही को पहले दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद दो बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, लेफ्ट और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सहित कई अन्य दलों के सांसद नारेबाजी करते हुए अडानी पर चर्चा की मांग को लेकर वेल में आ गए। वहीं एनसीपी, एसपी, जेडीयू और बीआरएस सहित कई अन्य दलों के सांसद अपनी-अपनी सीट पर खड़े होकर इनका समर्थन करते नजर आए। 

हंगामे को देखते हुए पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने आखिरकार लोकसभा की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। फिलहाल आज तो सरकार को इस मुद्दे पर राहत मिल गई है, लेकिन कल सुबह फिर लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही इस मुद्दे पर हंगामा जारी रहने की पूरी संभावना है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के नेतृत्व में करीब 13 विपक्षी दलों ने सदस्यों के मौजूदा बजट सत्र में अपनी रणनीति को लेकर गुरुवार सुबह एक बैठक की। इस दौरान फैसला किया कि वे अडानी एंटरप्राइजेज से जुड़ा मुद्दा पूरी ताकत से उठाएंगे।

मामले पर एआईसीसी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा कहा, "मोदी जी, बहुत मेहनत करके जो गुब्बारा फुलाया, उसकी हवा निकल गई। सारे नियम कानून ताक पर रखकर मोदी जी ने एक आदमी पाल-पोसकर बड़ा किया। बचपन में एक गाना सुनते थे : भँवरे ने खिलाया फूल, फूल को ले गया हिंडनबर्ग…. मोदी जी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। बात सिर्फ़ मोदी जी की व उनके दोस्त की होती तो हम चुप रहते। लेकिन बात देश के करोड़ों निवेशकों के पसीने की कमाई की है।"

पवन खेड़ा ने आगे कहा कि यह उन 45 करोड़ भारतीय नागरिकों के निवेश की सुरक्षा का सवाल है जिन्होंने एलआईसी में पैसा लगाया है। उन्होंने कहा, "अडानी जी के ‘प्राइम मेंटर’ अब चुप हैं। मोदी कुछ बोल नहीं रहे हैं। मोदी जी आप एलआईसी के 45 करोड़ खाताधारकों को धोखा तो नहीं कर रहे हैं।" कांग्रेस नेता ने कहा, "हमारी तीन मांगें हैं। सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में इस मामले की जांच हो जिसकी रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए। इस प्रकरण को लेकर जेपीसी का गठन हो। सार्वजनिक बैंकों और भारतीय जीवन बीमा निगम के अडानी समूह में निवेश और निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर संसद में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।"