अब नेपाल में भी MDH-एवरेस्ट मसालों पर बैन लगा, कैंसर कारक केमिकल होने का है आरोप
अप्रैल महीने में हॉन्गकॉन्ग ने भारतीय ब्रांडों एमडीएच और एवरेस्ट के चार मसाला प्रोडक्ट को बैन कर दिया था। इसकी वजह उन्होंने कैंसर पैदा करने वाले केमिकल एथिलीन ऑक्साइड पाया जाना बताई थी।

भारतीय मसालों को लेकर पिछले महीने जो विवाद शुरू हुआ था, वह अब तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड होते हुए ये विवाद अब नेपाल तक पहुंच गया है। नेपाल ने मसालों की क्वालिटी पर सवाल उठाते हुए देश में इसे प्रतिबंधित कर दिया है।
MDH और एवरेस्ट दोनों ही मसाला ब्रांड भारत में बहुत ही पॉपुलर हैं। लगभर हर घर में इन मसालों से बने खाने का जायका लिया जाता है। लेकिन अबतक सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और नेपाल इन मसालों को प्रतिबंधित कर चुके हैं। जबकि अमेरिका ने 31 फीसदी मसाले रिजेक्ट कर दिए हैं। अन्य देशों में भी इनकी जांच हो रही है।
सबसे पहले अप्रैल महीने में हॉन्गकॉन्ग ने भारतीय ब्रांडों एमडीएच और एवरेस्ट के चार मसाला प्रोडक्ट को बैन कर दिया था। इसकी वजह उन्होंने कैंसर पैदा करने वाले केमिकल एथिलीन ऑक्साइड पाया जाना बताई थी। इसके बाद दुनियाभर में इन मसालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई।
इधर, भारतीय मसाला बोर्ड ने इन क्षेत्रों में भारतीय मसाला एक्सपोर्ट की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। बोर्ड ने टेक्नो-वैज्ञानिक समिति की सिफारिशों को लागू किया है, जिसने मेन कारण जानने की कोशिश की और इसके प्रोसेसिंग फेसिलिटी का भी निरीक्षण किया। टेस्टिंग के लिए सेंपल्स सर्टिफाइड लैब में भेजे गए हैं। हालांकि देश में इनका बिक्री जारी है।
वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने करीब 32,000 करोड़ रुपए के मसालों का एक्सपोर्ट किया। मिर्च, जीरा, हल्दी, करी पाउडर और इलायची एक्सपोर्ट किए जाने वाले प्रमुख मसाले हैं। बहरहाल, दुनियाभर में उठ रहे सवालिया निशान के बाद अब देश के उपभोक्ता भी चिंतित हैं। अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि यदि कैंसर कारक तत्व होने की रिपोर्ट सही है तो फिर भारत में इनके खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है?