पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने पर विरोध, पटवारी बोले- कचरा जलाने से फैलेगा कैंसर
जीतू पटवारी ने कहा कि अगर यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में जला तो आने वाले समय में सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज इसी इलाके में होंगे।
पीथमपुर। भोपाल गैस त्रासदी के बाद से दफ्न यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने की तैयारी जोरों पर चल रही है। उधर, इसका विरोध भी शुरू हो गया है। सामाजिक संगठनों के बाद अब कांग्रेस पीथमपुर में कचरा जलाने के खिलाफ सड़क पर उतर गई है। कांग्रेस ने शनिवार को इसके विरुद्ध पीथमपुर में बड़ा प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा सहित करीब आधा दर्जन विधायक शामिल हुए।
धरना-प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार यूनियन कार्बाइड की जमीन बेचने की तैयारी में है। जहरीला कचरा हटते ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पटवारी ने कहा कि अगर यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में जला तो आने वाले समय में सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज इसी इलाके में होंगे। यहां कचरा जलाया जाएगा तो ये जहर पानी में भी मिलेगा।
जीतू पटवारी ने कहा कि समस्या पीथमपुर के लिए ही नहीं इदौर के लिए भी पैदा होने वाली है। पीथमपुर का जहरीला पानी यशवंत सागर डेम में मिलेगा। इस डेम से इंदौर में पानी सप्लाई होता है। इसके बाद वहां भी गंभीर बीमारियां फैलेंगी। रामकी कंपनी के कारण आस पास के किसानों की जमीन की पैदावार प्रभावित हुई है। जीतू पटवारी ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि प्रदेश सरकार के पास लेंड बैंक है। जहरीले कचरे के निष्पादन के लिए उसका यूज करें।
पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने कहा कि यूनियन कार्बाइड का कचरा भोपाल से हटाने के बाद वहां की कई एकड़ जमीन का खेल मोहन सरकार करना चाहती है। उन्होंने कहा कि जहरीले कचरे का विरोध सब मिलकर करें। भाजपा के लोग भी इस आंदोलन में शामिल हों। वहीं, मनावर विधायक हीरालाल अलावा ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार इंदौर सहित आस पास के जिलों को बर्बाद करने के लिए यह कचरा यहां जलाना चाहती है।
बता दें कि यूनियन कार्बाइड के दस टन घातक कचरे को ट्रायल बतौर 2015 में जब जलाया गया था तो उससे 40 टन राख (रेसीड्यू) पैदा हुई थी। इसे पीथमपुर में ही जमीन में दफनाया गया। उसके चलते 8 किमी तक भूजल दूषित हो चुका है। अब 377 टन कचरा जलाने की तैयारी है। इससे कितना नुकसान होगा, इसकी कोई ठोस स्टडी नहीं है।