संसद में मणिपुर मामले पर जोरदार हंगामा, गांधी प्रतिमा के पास INDIA गठबंधन का प्रदर्शन

पहले प्रधानमंत्री जी का विस्तृत बयान हो और उसके बाद 267 के अंतर्गत संसद में बहस हो। मोदी सरकार और बीजेपी मणिपुर पर अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी और जवाबदेही से भाग नहीं सकती: कांग्रेस अध्यक्ष

Updated: Jul 24, 2023, 12:16 PM IST

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। तीसरे दिन भी मणिपुर यौन हिंसा मामले पर संसद में जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्षी गठबंधन 'INDIA' मणिपुर के मुद्दे पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान और विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है। इसी को लेकर 'INDIA' गठबंधन के सांसदों ने संसद भवन स्थित गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम Rule 267 के तहत सदन के बहस चाहतें हैं। पर मोदी सरकार के मंत्री कहते हैं Short Duration ही discussion होगा, दूसरा कहता है केवल Half an Hour discussion होगा। Rule 267 घंटों बहस चल सकती है, Voting भी हो सकती है, हम वो चाहते हैं। पहले प्रधानमंत्री जी का विस्तृत बयान हो और उसके बाद 267 के अंतर्गत संसद में बहस हो। मोदी सरकार और बीजेपी मणिपुर पर अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी और जवाबदेही से भाग नहीं सकती।

वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि जिस तरह से मणिपुर में हिंसा भड़क रही है, महिलाओं की हत्याएं हो रही हैं, क्या उसके लिए हम सदन में आवाज नहीं उठा सकते? सरकार से सवाल नहीं पूछ सकते?...इस पर हम सदन में चर्चा करना चाहते हैं और यह पूरी चर्चा हमारे प्रधानमंत्री मोदी सुनें, बाद में वे जवाब दें।

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि, ''हम संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं।'' विपक्ष की मांग है कि संसद में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बयान दें, जबकि सरकार लगातार जोर दे रही है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी नहीं बल्कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बोलेंगे।

इससे पहले कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने एक ट्वीट में लिखा, 'आज संसद के मॉनसून सत्र का तीसरा दिन है। INDIA की मांग स्पष्ट है। मणिपुर में 3 मई के बाद के भयावह घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री को सदन में एक विस्तृत बयान देना चाहिए‌। उसके बाद हमारी पीड़ा, दुःख और समाधान की सामूहिक इच्छा को व्यक्त करने के लिए चर्चा हो।'

उन्होंने आगे लिखा, 'यही उम्मीद है कि प्रधानमंत्री अपनी ज़िम्मेदारियों से भागने के लिए कोई ड्रामा नहीं करेंगे, जैसा कि वह ऐसे मौकों पर अक्सर करते हैं। इंकार करना, तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, ध्यान भटकाना, डाइवर्ट करना और बदनाम करना उनकी आदत है। क्या इस अवसर पर वह इनसे ऊपर उठेंगे? मणिपुर इंतज़ार कर रहा है। देश देख रहा है।'