नर्मदापुरम में 1800 एकड़ में लगी मूंग की फसल बर्बाद, दिग्विजय सिंह बोले- तत्काल मुआवजा दे सरकार
नर्मदापुरम में नहर विभाग एवं जिला प्रशासन की चूक के कारण बुआई के 40 दिन बाद तक नहीं सप्लाई हुआ नहर का पानी, 1800 एकड़ में खड़ी फसल बर्बाद

नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश में गर्मी से लोग पहले ही बेहाल हैं। वहीं पानी की कमी ने किसानों को भी परेशान कर रखा है। नर्मदापुरम में आलम यह है कि सूखा के चलते मूंग उत्पादक किसानों को अपने खेतों में खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चलवाना पड़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जिले के किसानों को तत्काल मुआवजा देने की मांग की है।
नर्मदापुरम जिले के सिवनी मालवा विधानसभा अंतर्गत ग्राम विसोनी कला एवं मलका खेड़ी के किसानों ने 1500 से 1800 एकड़ में मूंग की फसल लगाई थी। किसानों का कहना है कि नहर विभाग ने पानी देने का लिखित आश्वासन दिया था, जिसके चलते मूंग की बोवनी कर दी।
हालांकि, किसानों को सिर्फ चुनाव के समय पानी मिल पाया, उसके बाद से नहर में पानी नहीं आया। पानी नहीं मिलने से किसी की फसल के फूल नष्ट हो गए। इसलिए अब मजबूरी में उन्हें खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ रहा है। बिसोनी कला के किसान नर्मदा प्रसाद राठौर ने अपना लगभग 20 एकड़ के हरी-भरी मूंग की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया।
राठौर के मुताबिक मूंग की फसल में पानी ना मिलने के चलते फूल आने के बाद सूख गए, जिससे अब फसल खराब हो चुकी है। उन्होंने बताया कि 15 हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से मूंग में लागत लगाई थी, जो की अब नष्ट हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे नहर विभाग एवं जिला प्रशासन की चूक बताते हुए कहा है कि किसानों के लिए खड़ी फसल को ख़त्म करना सबसे बड़ी पीड़ा है, हम इस पीड़ा की घड़ी मे किसानो के साथ खड़े और हक़ मिलने तक लड़ेंगे। पूर्व सीएम ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि फसल का सर्वे कर किसानों को 65-70 हजार रुपए एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाए। आगामी फसल की खाद बीज उपलब्ध कराया जाए और गैर जिम्मेदारी वाले अधिकारियों पर करवाई की जाए।