Radhika Raje Gaekwad: सबसे खूबसूरत महारानी

भारतीय राजवंशों में सबसे खूबसूरत महारानी के टाइटल से नवाजी गईं राधिकाराजे गायकवाड़, फोर्ब्स मैगजीन की लिस्ट में मिला पहला स्थान, ब्रिटिश महारानी को तीसरे नंबर से करना पड़ा संतोष

Updated: Aug 15, 2020, 06:07 AM IST

फोर्ब्स मैगजीन ने वडोदरा की महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ को भारतीय राजवंशों में सबसे खूबसूरत महारानी के खिताब से नवाजा है। राधिका राजे को फोर्ब्स से पहले मिलियनेरिया मैगजीन ने भी ‘द मॉडर्न महारानी’ का टाइटल दिया था।

हिस्ट्री में किया एमए, पत्रकारिता में भी आजमाया हाथ

भारत में सबसे कुशल और प्रगतिशील रॉयल महिलाओं में से एक हैं महारानी राधिकाराजे गायकवाड़। इनका जन्म गुजरात के वांकानेर के राजघराने हुआ। राधिकाराजे की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई। वहीं उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई मेयो कॉलेज अजमेर और दिल्ली से पूरी की। विरासत और संस्कृति के प्रति लगाव के चलते राधिका ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से इतिहास में ग्रेजुएशन किया।

वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी से मध्यकालीन भारतीय इतिहास में एमए की डिग्री हासिल की। शादी से पहले राधिकाराजे ने प्रमुख पत्रिकाओं और दैनिक समाचार पत्रों के लिए एक पत्रकार के रूप में काम किया था। राधिकाराजे पारंपरिक फैशन की पारखी भी हैं। जिस तरह से वह खुद को कैरी करती है, वो काफी ग्रेसफुल लगता है।

शाही परिवार में 2002 में हुई राधिका की शादी

महारानी राधिका राजे वांकानेर के महाराज डॉक्टर रणजीतसिंह की बेटी हैं। राधिका राजे एक शाही परिवार में पली-बढ़ी हैं, वहीं उनकी शादी भी एक रॉयल फैमिली में हुई है। उनकी शादी महाराजा सिमरजीत सिंह राव गायकवाड़ से साल 2002 में हुई थी। हिंदू मराठा राजवंश गायकवाड़ के वर्तमान प्रमुख, महाराजा सिमरजीत सिंह गायकवाड़ 2012 से बड़ौदा के अनौपचारिक महाराजा हैं। वह एक पूर्व प्रथम श्रेणी के क्रिकेटर थे और अब क्रिकेट प्रशासक हैं। वे मोती बाग स्टेडियम में एक क्रिकेट अकादमी भी चलाते हैं।

कई ट्रस्ट के जरिए करती हैं समाजसेवा

राधिका बडोदरा राजघराने द्वारा चलाए जा रहे कई ट्रस्ट्स के माध्यम से लोगों की मदद करती हैं। वे महारानी शांतिदेवी अस्पताल ट्रस्ट, महारानी चिम्नाबाई स्त्री उद्योग समिति, जो कि अल्प आय वाले परिवारों की मदद करती हैं। महाराजा फतहसीनगर म्यूज़ियम ट्रस्ट जैसे अन्य कई ट्रस्ट जो कि बड़ोदरा राजघराने के द्वारा संचालित हैं, में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उन्हे हेरिटेज टेक्सटाइल्स में खासी दिलचस्पी है। राधिकाराजे चंदेरी की विलुप्त हुई पुरानी बुनाई तकनीकों को पुनर्जीवित करने के लिए अपनी सास राजमाता शुभांग्निराज गायकवाड़ के साथ मिलकर काम करती हैं।

लंदन के बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है लक्ष्मी विलास पैलेस

शाही गायकवाड़ परिवार गुजरात के वड़ोदरा स्थित लक्ष्मी विलास पैलेस में रहता है। इंडो-सारासेनिक रिवाइवल आर्किटेक्चर पर डिज़ाइन किया गया महल 1890 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ ने बनाया था। इस लक्ष्मी विलास पैलेस का निर्माण उस दौर में 27 लाख की लागत से हुआ था। लक्ष्मी विलास पैलेस का निर्माण 1878 में शुरू हुआ था। महल के निर्माण में 12 साल लग गए। महल के वास्तुकार, मेजर चार्ल्स मांट थे।, लक्ष्मी विलास पैलेस 142 साल बाद भी गर्व से खड़ा है।

इस पैलेस में 176 कमरों के साथ लगभग 500 एकड़ का क्षेत्र शामिल है। लंदन में बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है। यह अब तक का सबसे बड़ा निजी आवास है। महल कई स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय संसाधनों के साथ बनाया गया है।इस पैसे के निर्माण के लिए आगरा, राजस्थान, पुणे और इटली से पत्थर मंगवाए गए थे। लक्ष्मी विलास पैलेस के अंदर महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय भी स्थित है।