बापू के आदर्शों को बढ़ावा देने की कवायद, वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में बनेगा सेवाग्राम

छत्तीसगढ़ में 75 से 100 एकड़ में तैयार होगा सेवाग्राम, छत्तीसगढ़ की लोक कला और संस्कृति के भी होंगे दर्शन, आत्मनिर्भर-ग्राम की कल्पना को साकार करने की ओर महत्वपूर्ण कदम

Updated: Sep 14, 2021, 11:00 AM IST

Photo Courtesy: Amar ujala
Photo Courtesy: Amar ujala

रायपुर। महाराष्ट्र के वर्धा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी गांधी आश्रम का निर्माण होगा। जिसे सेवाग्राम नाम दिया गया है। यह नवा रायपुर में बनकर तैयार किया जाएगा। यहां होने वाले सभी निर्माण कार्य प्राकृतिक वस्तुओं से होंगे। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने की ओर इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को 2 अक्टूबर तक इसके लिए कार्ययोजना पेश करने का निर्देश दिया है। यह सेवाग्राम 75-100 एकड़ पर बन कर तैयार होगा। अधिकारियों को नवा रायपुर में इसके लिए ऐसी जमीन चिन्हित करने को कहा गया है। इस प्रस्तावित सेवाग्राम में अतिथि विषय-विशेषज्ञों की गाइडेंस में काम होगा। इस ईको फ्रेंडली सेवाग्राम में बेसहारा बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम और गरीब बच्चों के लिए स्कूल स्थापित किया जाएगा।

गांधी के सपनों का गांव बनाने की तैयारी

इस सेवाग्राम के माध्यम से यहां पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं छत्तीसगढ़ की विविध रंगी संस्कृति और लोक कलाओं को प्रोत्साहन दिया जाएगा। वहीं यहां पर एक विजिटर्स सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इस सेंटर में लोगो वैचारिक आदान-प्रदान के लिए छत्तीसगढ़ में एक विश्व स्तरीय व्यवस्था का निर्माण करना भी है।इस सेवा आश्रम में गांधी के सिद्धांतों पर विचार विमर्श के लिए खास स्थान बनाया जाएगा।

इस सेवा आश्रम का निर्माण मिट्टी, चूना, पत्थर जैसी प्राकृतिक वस्तुओं से होगा। जो की ईकोफ्रेंडली होंगी। यहां ग्रामीण कला, शिल्प, लोक संगीत और लोकल कारीगरों को बढ़ावा दिया जाएगा। ये सभी विशेषज्ञ भी मार्गदर्शन में काम करेंगे। 

आदिवासी संस्कृति की दिखेगी झलक 

यहां छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी। छत्तीसगढ़ खास कला और शिल्प को बढ़ावा देने का काम भी किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के फेमस कोसा, बांस, टेराकोटा से बने सामान, पत्थरों के आइटम, कपड़ों और बांस से बनी कलात्मक वस्तुओं को शो केज किया जाएगा। सेवाग्राम में आने वाले पर्यटकों को यहां के स्थानीय कला के साथ-साथ शिल्पकारी, देसी व्यंजनों का स्वाद भी चखने को मिलेगा। लोग यहां अपनी जानकारी और अनुभव भी साझा कर सकेंगे। यहां बनने वाले भव्य ओपन थियेटर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।