छत्तीसगढ़ कैबिनेट का बड़ा फैसला: केंद्र से पैसा नहीं मिलने के बाद भी लागू होगी पुरानी पेंशन स्कीम

एनपीएस खाते में जमा राज्य सरकार और कर्मचारियों के अंशदान को वापस करने से केंद्र सरकार के इनकार के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने बीच का रास्ता निकाल लिया है।

Updated: Dec 30, 2022, 11:06 AM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन योजना पर बड़ा निर्णय लिया है। भूपेश बघेल सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के लिए बीच का रास्ता निकाल लिया है। कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि केंद्र से पैसा नहीं मिलने के बाद भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू होगी।

दरअसल, केंद्र सरकार ने राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू होने में अड़ंगा डालते हुए कर्मचारियों की एनपीएस की राशि वापस करने से इनकार कर दिया था। ऐसे में अब सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के लिए छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने अप्रैल 2022 से पहले नियुक्त हुए सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस में बने रहने या पुरानी पेंशन योजना का विकल्प रखा है।

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वहीं, अप्रैल 2022 एवं उसके बाद नियुक्त होने वाले सरकारी कर्मचारी अनिवार्य तौर पर पुरानी पेंशन योजना के सदस्य होंगे। इस निर्णय के तहत शासकीय सेवकों को 1 नवंबर 2004 के स्थान पर 1 अप्रैल 2022 से ही छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि का सदस्य बनाया जाएगा। वहीं, राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2022 से पहले नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस में बने रहने या पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने के लिए विकल्प पेश किया है। इसके लिए कर्मचारियों को हलफ़नामा देना होगा।

मंत्रिपरिषद के फैसले के मुताबिक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए एनपीएस में जमा सरकार के अंशदान को सरकारी खाते में जमा कराना होगा। गौरतलब है कि सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा का हवाला देते हुए मार्च 2022 में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का ऐलान किया था।