Chhattisgarh : 15 विधायक बने संसदीय सचिव

CM Bhupesh Baghel : 15 विधायकों ने ली संसदीय सचिव की शपथ, 3 CM और 12 विधायक मंत्रियों के साथ होंगे अटैच

Publish: Jul 15, 2020, 01:34 AM IST

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संसदीय सचिवों के रूप में पहली बड़ी राजनीतिक नियुक्तियां कर दी हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक भव्य कार्यक्रम में 15 विधायकों को संसदीय सचिव पद की शपथ दिलाई । तीन संसदीय सचिव मुख्यमंत्री से संबंधित विभागों का कामकाज देखेंगे। जबकि 12 विधायक 12 मंत्रियों के साथ अटैच किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ में 18 महीने पहले 69 विधायकों के साथ सत्ता में आई कांग्रेस पर विधायकों को साधने का शुरु से ही दबाव था।

छ्त्तीसगढ़ में जिन विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है उनमें से 13 पहली बार जीतकर आए हैं। जबकि दो विधायक ज्यादा बार विधानसभा चुनाव जीत कर सदन पहुंच चुके हैं। इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। संसदीय सचिवों की नियुक्ति के दौरान जातिगत समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन का भी पूरा ख्याल रखा गया है।

पहली बार जीते 13 विधायकों को बनाया संसदीय सचिव

रायपुर पश्चिम विधायक विकास उपाध्याय,तखतपुर से रश्मि सिंह ठाकुर, जगदलपुर से रेख चंद जैन, कांकेर से शिशुपाल सोरी, गुंडरदेही से कुंवर निषाद, बैकुंठपुर से अम्बिका सिंहदेव, सामरी से चिंतामणि महाराज, भटगांव से पारस नाथ राजवाड़े, कुनकुरी से यूडी मिंज, खल्लारी से द्वारिकाधीश यादव, महासमुंद से विनोद सेवनलाल चंद्राकर, बिलाईगढ़ से चंद्रदेव प्रसाद राय, कसडोल से शकुन्तला साहू, नवागढ़ से गुरुदयाल बंजारे, मोहला मानपुर से इंदरशाह मंडावी को  संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।

इनमें से चिंतामणी महाराज, पारसनाथ राजवाड़े दो बार अधिक बार के विधायक हैं। बाकी 13 विधायक पहली बार विधायक बने हैं। इनमें में से आधे से अधिक युवा चेहरे हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार ने 15 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया है।

 संसदीय सचिव का कार्य संविधानिक नहीं राजनितिक

संसदीय सचिव का पद संविधानिक नहीं, बल्कि राजनीतिक है। ये प्रदेश के मंत्रियों को उनके विभागीय कामकाज में मदद करते हैं। संसदीय सचिव मंत्री की तरह सरकारी दस्तावेजों या किसी फाइल पर साइन नहीं करते। संसदीय सचिव अपने कार्यों के साथ मंत्री की सहायता करता है। किसी भी मंत्री के संसदीय सचिव को मंत्री के मदद के लिए वेतन, वाहन और अन्य सुविधाएं मिलती हैं।