MP: दलित होने के कारण सरपंच को नहीं फहराने दिया झंडा, दिग्विजय सिंह ने की कार्रवाई की मांग
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में गणतंत्र दिवस के दिन एक जनप्रतिनिधि को झंडा फहराने से सिर्फ इसलिए महरूम कर दिया गया, क्योंकि वह दलित हैं।
राजगढ़। शनिवार को देश जब 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा था, तब मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक निर्वाचित सरपंच को सिर्फ इसलिए झंडा फहराने से रोका गया क्योंकि वो दलित हैं। घटना राजगढ़ जिले के ब्यावरा में तरेना ग्राम पंचायत का है। यहां सरपंच मान सिंह वर्मा गणतंत्र दिवस के दिन झंडा नहीं फहरा सके।
मान सिंह वर्मा ने बताया कि दलित होने के कारण रोजगार सहायक लाखन सिंह ने उन्हें झंडा वंदन नही करने दिया। मामला सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। सिंह ने पीड़ित सरपंच का वीडियो ट्वीट कर लिखा, 'देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है लेकिन हालात सुधरने का नाम ही नही ले रहे। मान सिंह वर्मा जी को राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील की ग्राम पंचायत तरेना में सरपंच के ओहदे पर होने के बावजूद रोजगार सहायक लाखन सिंह ने झंडा वंदन नही करने दिया।'
मेरे सीधे सवाल हैं क्या अनुसूचित जाति का होना गुनाह है? क्या पंचायत भवन में सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नही है? मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तत्काल निलंबित करना चाहिए व STSC Atrocity क़ानून के अंतर्गत कार्यवाही करना चाहिए।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 27, 2024
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पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने सीएम मोहन यादव से दोषी रोजगार सहायक को सस्पेंड करने की मांग की है। सिंह ने कहा, 'मेरे सीधे सवाल हैं क्या अनुसूचित जाति का होना गुनाह है? क्या पंचायत भवन में सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नही है? मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तत्काल निलंबित करना चाहिए व ST-SC Atrocity क़ानून के अंतर्गत कार्यवाही करना चाहिए।'
बता दें कि तमाम दावों के बावजूद भाजपा के शासन में दलित-आदिवासी आज भी अपने हक से मरहूम हैं। आजादी के 78 साल होने के बाद भी सरकारें शायद सामाजिक न्याय का वादा पूरा नहीं कर सकी हैं। यही कारण है कि आज भी समाज में दलित और आदिवासी समुदाय के लोग जाति का दंश झेल रहे हैं।