छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की कोशिश, सीएम बघेल का निवेशकों को न्योता

असम के अनुभव का लाभ छत्तीसगढ़ को मिलेगा, मुख्यमंत्री ने असम के उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में निवेश का दिया आमंत्रण, उद्योगों को मदद और प्रोत्साहन का वादा भी किया

Updated: Feb 08, 2021, 12:40 PM IST

Photo Courtesy: twitter
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रायपुर। अब वो दिन दूर नहीं जब असम में पैदा हुई चाय की प्रोसेसिंग छत्तीसगढ़ में होगी या फिर प्रदेश के जशपुर में ही चाय की खेती होगी। दरअसल असम की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जोरहाट में असम के उद्योगपतियों से भेंट करके उन्हें छत्तीसगढ़ में चाय और बांस उद्योग लगाने का आमंत्रण दिया।

मुख्यमंत्री बघेल ने उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया है कि छत्तीसगढ़ में उद्योगों के लिए काफी बेहतर माहौल है। उद्योगों की सुविधा के लिए नई उद्योग नीति तैयार की गई है। यह नीति उद्योगपतियों से चर्चा करके ही बनाई गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लघुवनोपज, बागवानी की भी अच्छी संभावनाएं हैं। उन्होंने असम के उद्योगपतियों को चाय और बांस से संबंधित उद्योग लगाने में हर संभव मदद और प्रोत्साहन का वादा भी किया है। 

छत्तीसगढ के 44 प्रतिशत भूभाग में जंगल हैं। जहां से बड़ी मात्रा में लघुवनोपज मिलता है। सरकार 52 लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य देकर खरीद रही है। साथ ही लघु वनोपजों के प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। कांग्रेस ने भूपेश बघेल को असम में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव के लिए प्रभारी बनाया है। उन्हें असम में चुनाव से पहले कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।