इंदौर में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 128 युवाओं से ठगी, फर्जी नियुक्ति बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश
युवाओं से ठगी करने वाले इस गिरोह ने 128 युवाओं को अपने जाल में फंसा लिया है, जिनमें से 60 युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी किए गए थे।

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। अब तक इस गिरोह ने 128 युवाओं को अपने जाल में फंसा लिया है, जिनमें से 60 युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी किए गए थे।
बताया जा रहा है कि यह गिरोह पहले सरकारी नौकरी के प्रोसीजर को समझता और फिर युवाओं को फर्जी ट्रेनिंग प्रोग्राम करवा कर नियुक्ति पत्र जारी करता। गिरोह ने सरकारी सील भी तैयार की थी, ताकि दस्तावेजों पर लगी सील से लोगों को पूरा भरोसा हो सके। क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मामले में 40 वर्षीय अनिल रसेनिया को गिरफ्तार किया है जो शालीमार पाम, बिचौली मर्दाना का निवासी है। पूछताछ के दौरान कई अहम बातें सामने आई हैं।
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मामले पर डीसीपी क्राइम ब्रांच इंदौर, राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी मध्य प्रदेश ग्रामीण एवं महिला बाल विकास विभाग में फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करता था। महिला एवं बाल विकास अधिकारी, परियोजना अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, और कम्प्यूटर ऑपरेटर जैसे पदों के लिए युवाओं से पैसे लेता और फिर उन्हें फर्जी लेटर दे देता था।
पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरोपियों ने सरकारी नौकरी के पूरे प्रोसीजर को अच्छी तरह से समझा था। उन्होंने यह जानने के बाद कि सरकारी नौकरी किस प्रकार दी जाती है और ट्रेनिंग कितने दिन की होती है, ठगी की योजना बनाई। इसके बाद उन्होंने युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करना शुरू कर दिया।
आरोपियों ने 128 युवाओं से ठगी की थी और अलग-अलग पदों के हिसाब से उनसे पैसे लिए थे। कुछ युवाओं से डेढ़ लाख, कुछ से दो लाख, तो कुछ से ढाई लाख रुपए तक लिए गए। इन युवाओं में से 60 को आरोपियों ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी किए थे।