CWC चुनाव के पक्ष में थे दिग्विजय, सिंघवी और माकन, अंतरिक लोकतंत्र का दिया हवाला

कांग्रेस पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई (CWC) के चुनाव को लेकर स्थिति सपष्ट हो गई है, स्टीयरिंग कमेटी ने सर्वसम्मति से कांग्रेस अध्यक्ष को मेंबर्स चुनने के लिए अधिकृत किया है।

Updated: Feb 24, 2023, 06:50 PM IST

रायपुर। कांग्रेस पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई (CWC) के चुनाव को लेकर स्थिति सपष्ट हो गई है। स्टीयरिंग कमेटी ने सर्वसम्मति से कांग्रेस अध्यक्ष को मेंबर्स चुनने के लिए अधिकृत किया है। सूत्रों के मुताबिक स्टीयरिंग कमेटी की बैठक के दौरान वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, अभिषेक मनु सिंघवी और अजय माकन ने पारदर्शिता का हवाला देते हुए चुनाव कराने की मांग की थी।

जानकारी के मुताबिक स्टीयरिंग कमेटी की बैठक का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी नेताओं से खुलकर अपनी बात रखने को कहा। सीडब्ल्यूसी को लेकर चर्चा के दौरान सिर्फ तीन नेताओं ने चुनाव कराने की मांग की। इनमें वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, अभिषेक मनु सिंघवी और अजय माकन शामिल थे। तीनों नेताओं ने पारदर्शिता बरकरार रखने और आंतरिक लोकतंत्र का हवाला देते हुए चुनाव कराने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि जोधपुर अधिवेशन के फैसलों को आगे बढ़ाते हुए पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई का चुनाव कराया जाना चाहिए।

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दरअसल, पिछले साल जोधपुर अधिवेशन के दौरान पार्टी में अंतरिक चुनाव कराने संबंधी प्रस्ताव पारित किए गए थे। इसी के तहत बीते साल कांग्रेस अध्यक्ष का इलेक्शन कराया गया। इसके बाद सीडब्ल्यूसी सदस्यों के चुनाव होने थे। सीडब्ल्यूसी चुनाव के लिए ही कांग्रेस अध्यक्ष ने स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया था। कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने अपनी तरफ से सारी तैयारियां पूरी कर ली थी। हालांकि, स्टीयरिंग कमेटी के ही अधिकांश सदस्य चुनाव कराने के पक्ष में नहीं दिखे। सिर्फ तीन नेताओं ने चुनाव में जाने की मांग दोहराई।

स्टीयरिंग कमेटी के अन्य सदस्यों ने कहा कि चुनाव होने चाहिए पर ये सही वक़्त नहीं है। इसपर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अभी कोई दिक्कत है तो 2024 लोक सभा चुनाव के बाद सीडब्ल्यूसी चुनाव कराए जाएं। हालांकि, आखिर में मौजूदा हालातों के मद्देनजर सर्वसम्मत्ति से चुनाव न कराने संबंधी निर्णय लिया गया। तर्क दिया गया कि यह वक़्त अंतरिक चुनाव में जाने के बजाए एकजुट होकर बीजेपी से टकराने का है।

दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भी बैठक में सीडब्ल्यूसी चुनाव नहीं करवाने की बात कही, जबकि तीन साल पहले उन्होंने 22 अन्य नेताओं के हस्ताक्षर के साथ पार्टी में आंतरिक चुनाव कराने की मांग को लेकर तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। G23 के मेंबर्स लगातार अंतरिक चुनाव की मांग करते रहे हैं। हालांकि, अब सीडब्ल्यूसी मेंबर्स की नियुक्ति के लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत करने की बात कही।

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी चुनाव कराने के पक्ष में थे। हालांकि, गांधी परिवार ने स्टीयरिंग कमेटी की बैठक से दूरी बनाए रखी, ताकि खड़गे को फ्री हैंड दिया जा सके और डिसीजन मेकिंग में किसी का हस्ताक्षेप न हो। बहरहाल पार्टी की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितयां और अंदरूनी समीकरणों को देखते हुए यह तय हो चुका है कि चुनाव के बजाए सीडब्ल्यूसी की नियुक्तियां होंगी। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने बताया कि सीडब्ल्यूसी में एससी, एसटी ओबीसी और महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के संविधान में संशोधन किया जाएगा। जोधपुर अधिवेशन में भी सीडब्ल्यूसी में युवाओं को मौका देने संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया था।

इधर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उन लोगों की खुलकर आलोचना की है जो चुनाव के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, "अगर आप पार्टी को बचाना चाहते हैं तो आपको सीडब्ल्यूसी के चुनाव कराने होंगे। राहुल गांधी चाहते हैं कि पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मान हो और अगर ऐसा करना है तो चुनाव जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ ऐसे नेता हैं जो वोटिंग से चुनाव नहीं जीत सकते, उनका कोई स्टैंड नहीं है, वे कार्यकर्ताओं का फोन तक नहीं उठाते हैं, कार्यकर्ताओं से मिलते नहीं हैं, वे अपना पद जाने नहीं देना चाहते हैं। इसलिए वे चुनाव के पक्ष में नहीं हैं।"