मध्य प्रदेश में 5 साल में होगी ढाई लाख पदों पर सीधी भर्ती, हर साल जारी होगा परीक्षा कैलेंडर

मध्य प्रदेश सरकार ने आगामी पांच वर्षों में 2.5 लाख पदों पर सीधी भर्ती करने की घोषणा की है।

Updated: Nov 19, 2024, 05:23 PM IST

भोपाल| मध्य प्रदेश सरकार ने आगामी पांच वर्षों में 2.5 लाख पदों पर सीधी भर्ती करने की घोषणा की है। सरकार हर साल भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी करेगी, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध हो सके। इस योजना के तहत, वित्त विभाग ने नए निर्देश जारी करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग के 22 नवंबर 2022 को जारी आदेश को 31 अक्टूबर 2024 से प्रभावहीन घोषित कर दिया है। हालांकि, उन पदों पर भर्तियां रद्द नहीं की जाएंगी, जिनकी प्रक्रिया पहले से शुरू हो चुकी है या जहां नियुक्ति पत्र जारी किए जा चुके हैं।

 

फैसले के अनुसार, 30 अक्टूबर 2024 तक पूरी हुई भर्तियां निरस्त नहीं मानी जाएंगी। साथ ही, ऐसे पद, जिनके लिए एमपी पीएससी या कर्मचारी चयन मंडल को पत्र भेजे जा चुके हैं या परीक्षा परिणाम के बाद नियुक्ति लंबित है, वे भी प्रभावित नहीं होंगे। सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया के लिए संवर्गों के आधार पर अलग-अलग चरण और नियम तय किए हैं।

 

जिन संवर्गों में खाली पदों की संख्या 1 से 50 के बीच है, वहां भर्तियां दो चरणों में की जाएंगी। इनमें 50 प्रतिशत पद 2024-25 में और शेष 50 प्रतिशत पद 2025-26 में भरे जाएंगे। 51 से 200 खाली पदों वाले संवर्गों में सभी रिक्त पदों को सीधी भर्ती से भरा जाएगा। वहीं, जहां 200 से अधिक पद रिक्त हैं, वहां भर्ती प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी। यदि किसी संवर्ग में 25 प्रतिशत से कम पद खाली हैं तो सभी पद एक बार में भरे जाएंगे। 25 प्रतिशत या उससे अधिक रिक्तियों वाले संवर्गों में भर्ती प्रक्रिया अगले चार वर्षों में चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी।

 

इसके अलावा, डाइंग कैडर के लिए कोई नई भर्ती नहीं होगी। जिन विभागों में ड्राइवर और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति आवश्यक है, उन्हें वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी। वाहन चालकों की जरूरत को देखते हुए विभागों को आउटसोर्सिंग से सेवा लेने का निर्देश दिया गया है।

 

खाली पदों की गणना 1 अप्रैल 2024 के आधार पर की जाएगी। जिन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पहले से चल रही है, उन्हें खाली पदों की सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। ओबीसी आरक्षण के तहत रोके गए 13 प्रतिशत पद भी रिक्त पदों की गणना से बाहर रखे जाएंगे।