हम जीतें या हारें, इस चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा नहीं कर सकते, विधानसभा चुनाव के नतीजों पर बोली कांग्रेस
झारखंड के लोगों ने देश को एक नया रास्ता दिखाया है। झारखंड के परिणामों से सकारात्मक संदेश मिलता है कि ध्रुवीकरण की राजनीति को हराया जा सकता है और हम हराकर ही रहेंगे: जयराम रमेश

नई दिल्ली। देश के दो राज्यों महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को आए। महाराष्ट्र के में महायुति ने एक तरफा और अप्रत्याशित बढ़त बनाई है। जबकि झारखंड में INDIA गठबंधन ने जीत दर्ज की है। चुनाव नतीजों के बीच चुनाव प्रक्रिया, आयोग की निष्पक्षता और EVM की विश्वसनीयता एक बार फिर सवालों में है। चुनाव नतीजों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हम जीतें या हारें, इस चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश व मीडिया विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने शनिवार शाम AICC मुख्यालय में मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान पवन खेड़ा ने कहा कि हम जीतें या हारें, हम इस चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाते रहेंगे। जहां बच्चों के पेपर लीक हो जाते हैं, वहां आंख बंद कर मशीनों और चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
पवन खेड़ा ने कहा, 'हम बार-बार EVM और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता की बात करते हैं। हमने चुनाव आयोग को लिस्ट दी कि कहां-कहां रेड और ग्रीन मार्किंग हो रही है। EVM की 99% बैटरी के बारे में सवाल किया। हरियाणा में वोटिंग के बाद वोटिंग प्रतिशत बढ़ने पर सवाल किया। नागपुर में BJP नेता की गाड़ी में EVM मशीनें मिलीं। लेकिन कोई जवाब नहीं आया, चुप रहना कोई उत्तर होता है क्या?'
पवन खेड़ा ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में वही पैटर्न दोहराया गया है, जो हमें पिछले कुछ साल में देखने को मिला है। नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़े गए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र ने BJP को नकार दिया था, क्योंकि जनता मोदी जी को PM के रूप में नहीं देखना चाहती थी। उसी महाराष्ट्र ने 4 महीने बाद BJP को 148 में से 132 सीटें दे दीं। ये कैसी स्ट्राइक रेट है?जहां BJP को भारी लाभ लेना होता है, वो सारे दांव-पेंच वहां लगा देती है और बाकी जगह लेवल प्लेयिंग फील्ड चलने देती है। और जहां लेवल प्लेयिंग फील्ड होती है, वहां के नतीजे आपके सामने हैं।
इस दौरान पार्टी के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने कहा कि सबसे पहले मैं झारखंड की जनता को बधाई देता हूं, क्योंकि उन्होंने हमारे देश को एक नया रास्ता दिखाया है। उन्होंने ध्रुवीकरण की राजनीति को निर्णायक तरीके से ठुकराया है। झारखंड में सारा चुनाव सिर्फ घुसपैठ के मुद्दे पर लड़ा गया। झारखंड के परिणामों से सकारात्मक संदेश मिलता है कि ध्रुवीकरण की राजनीति को हराया जा सकता है और हम हराकर ही रहेंगे। महाराष्ट्र में जानबूझकर लेवल प्लेइंग फील्ड को बिगाड़ा गया है। वहां जो नतीजे आए हैं, वह हमारे लिए अप्रत्याशित हैं।
जयराम रमेश ने आगे कहा, 'हमारे लिए कहीं खुशी है, कहीं गम है। लेकिन कांग्रेस पार्टी के एजेंडा में कोई परिवर्तन नहीं आने वाला है। सामाजिक, आर्थिक, मोडानी, जातिगत जनगणना, संविधान की सुरक्षा जैसे सभी मुद्दे हम उठाते रहेंगे। हमारा हौसला कमजोर नहीं हुआ है। हम लड़ते रहेंगे, जनता के मुद्दे उठाते रहेंगे। लोकसभा चुनाव में हमारे जो मुद्दे थे, वो आज भी अहमियत रखते हैं। हमारे नेताओं ने इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाया था। जातिगत जनगणना, आर्थिक समानता, सामाजिक ध्रुवीकरण, संविधान की सुरक्षा, 50% आरक्षण की सीमा, मोडानी घोटाला.. इन मुद्दों को महाराष्ट्र की जनता ने ठुकराया नहीं है।'
जयराम रमेश ने आगे कहा, 'इस नतीजे पर हम जांच करेंगे, इसका विश्लेषण होगा- जो कि स्वाभाविक है। महाराष्ट्र में जिसकी जीत हुई है, उन्हें अनुमान नहीं था कि ऐसा नतीजा आएगा। हम यह मानकर चल रहे थे कि हमें जनादेश मिलेगा। महाराष्ट्र में जनता सरकार के खिलाफ थी और उनके खिलाफ एक माहौल था। नतीजे भले ही विपरीत हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम पीछे हटेंगे। हम, हमारी पार्टी और कार्यकर्ता महाराष्ट्र में काम करते रहेंगे।'