रुपए में लगातार गिरावट के बीच RBI का बड़ा फैसला, पड़ोसी देशों के साथ अब भारतीय करेंसी में होगा व्यापार

RBI ने रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूती देने के फैसला लिया है कि अब नेपाल, भूटान और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के साथ व्यापार में अमेरिकी डॉलर की बजाय सीधे भारतीय रुपये का इस्तेमाल बढ़ावा दिया जाएगा।

Updated: Oct 01, 2025, 07:05 PM IST

नई दिल्ली। ट्रंप टैरिफ और H1B वीजा नियमों में बदलाव के कारण रुपए में हो लगातार गिरावट के बीच RBI ने बड़ा कदम उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूती देने के लिए पड़ोसी देशों के साथ रुपए में व्यापार करने का निर्णय लिया है। अब नेपाल, भूटान और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के साथ व्यापार में अमेरिकी डॉलर की बजाय सीधे भारतीय रुपये का इस्तेमाल बढ़ावा दिया जाएगा।

RBI के इस फैसले के बाद अब नेपाल, भूटान और श्रीलंका के व्यापारी अधिकृत भारतीय बैंकों (जिन्हें AD बैंक कहा जाता है) से सीधे रुपये में ही लोन ले सकेंगे। पहले उन्हें अपनी करेंसी को डॉलर में बदलकर फिर भारत में भुगतान करना पड़ता था, जिससे इसमें समय भी अधिक लगता था और अधिक पैसे भी खर्च होते थे। नए नियम से व्यापार की प्रक्रिया आसान और सस्ती हो जाएगी।

RBI ने प्रस्ताव दिया है कि भारत अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदार देशों के लिए एक पारदर्शी रेफरेंस एक्सचेंज रेट तय करेगा। इससे कारोबारियों को पहले से पता होगा कि उन्हें किस रेट पर लेन-देन करना है। इस कदम से एक्सचेंज रेट में उतार-चढ़ाव और अनिश्चितता खत्म होगी।

RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि हम इस दिशा में लगातार प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि नए प्रस्ताव के तहत अधिकृत भारतीय बैंक भूटान, नेपाल और श्रीलंका के गैर-निवासी कारोबारियों को रुपये में लोन उपलब्ध कराएंगे, जिससे सीमा पार व्यापारिक लेन-देन सरल और सस्ता हो जाएगा।

भारत के साथ रुपये में व्यापार करने वाले विदेशी बैंक ‘स्पेशल रुपया वोस्ट्रो अकाउंट (SRVA)’ के जरिए रुपये रखते हैं। अब RBI ने इन्हें इन खातों में जमा रुपये को भारतीय कंपनियों के बॉन्ड्स और कमर्शियल पेपर्स में निवेश की अनुमति दी है। इससे विदेशी बैंकों को अच्छा रिटर्न मिलेगा और वे रुपये में व्यापार को और बढ़ावा देंगे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक के इस फैसले से न केवल भारत की विदेशी करेंसी पर निर्भरता कम होगी बल्कि रुपये की अंतरराष्ट्रीय साख भी और मजबूत होगी।