सरकार ने 100 mg से अधिक डोज वाली निमेसुलाइड दवा पर लगाई रोक, कंपनियों को स्टॉक वापस बुलाने के निर्देश

केंद्र सरकार ने दर्द और बुखार में इस्तेमाल होने वाली निमेसुलाइड दवा की 100mg से अधिक डोज वाली सभी ओरल दवाओं की मैन्यूफैक्चरिंग और बिक्री पर तुरंत रोक लगा दी है।

Updated: Dec 31, 2025, 04:40 PM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दर्द और बुखार में इस्तेमाल होने वाली पेनकिलर दवा निमेसुलाइड की 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली सभी ओरल दवाओं की मैन्यूफैक्चरिंग, बिक्री और वितरण पर तत्काल रोक लगा दी है। यह आदेश बीते 29 दिसंबर से लागू हो चुका था। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (NSAID) है जो दर्द और सूजन कम करने में उपयोग होती है। लेकिन इसके ज्यादा डोज के लंबे प्रयोग से लिवर को गंभीर सम्स्या होती है। सरकार का कहना है कि बाजार में सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हैं इसलिए यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया गया है।

मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध केवल 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली दवाओं पर लागू होगा। जबकि, 100 मिलीग्राम तक की दवाएं डॉक्टर की सलाह पर उपलब्ध रहेंगी। जिन फार्मा कंपनियों द्वारा अभी तक 100 मिलीग्राम से ज्यादा डोज वाली दवाओं का उत्पादन हो रहा था उन्हें प्रोडक्शन तुरंत रोकने और बाजार में मौजूद स्टॉक वापस बुलाने का आदेश दिया गया है। मेडिकल स्टोर्स को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसी दवाओं की बिक्री बंद करें और स्टॉक हटाएं। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

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सरकार के इस फैसले का आम मरीजों पर असर भी देखने को मिलेगा। कई बड़ी ब्रांडेड कंपनियों जैसे सिप्ला आदि द्वारा बनाई जा रही उच्च डोज वाली दर्द की दवाएं दुकानों से हट सकती हैं। इसके बाद मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर पैरासिटामोल, आइबुप्रोफेन या अन्य विकल्प दिए जाएंगे। अब से बिना प्रिस्क्रिप्शन के पेनकिलर लेना अब और कठिन होगा। साथ ही पहले से खरीदी गई 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना न करने की चेतावनी दी गई है। बच्चों पर इस फैसले का खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि बच्चों के लिए निमेसुलाइड पहले ही प्रतिबंधित थी।

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सरकार ने बताया कि यह प्रतिबंध कोई नई घटना नहीं है। बल्कि, ये फैसला सुरक्षा मानकों की निरंतर समीक्षा का हिस्सा है। 11 महीने पहले ही 20 फरवरी को जानवरों के लिए उपयोग होने वाली सभी तरह की निमेसुलाइड दवाओं पर पूर्णतः रोक लगाई जा चुकी थी। इंसानों के लिए अब केवल हाई डोज पर बैन लागू किया गया है। जबकि कम डोज वाली निमेसुलाइड दवाएं चिकित्सा सलाह के साथ जारी रहेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने पर कंपनियों और दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, आम मरीजों से अपील की गई है कि वे बिना सलाह डॉक्टर की दवा न लें।

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