प्याज ने लगाई हाफ सेंचुरी, एक महीने में 14 रुपए बढ़े दाम

दिल्ली, भोपाल में 50 रुपए किलो बिक रहा प्याज़, बेमौसम बारिश, पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी का दिख रहा असर, नए प्याज़ की आवक के बाद राहत की उम्मीद

Updated: Feb 20, 2021, 12:24 PM IST

Photo Courtesy: DNA
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दिल्ली/भोपाल। देश के कई राज्यों में प्याज की कीमतें आसमान छूती जा रही हैं। दिल्ली से लेकर भोपाल तक प्याज़ के दाम पचास रुपये किलो तक जा पहुंचे हैं। पिछले एक महीन में ही प्याज़ का दाम 14-15 रुपए तक बढ़ गया है। 19 जनवरी तक 35-36 रुपए किलो बिकने वाला प्याज़ अब 50 रुपए किलो बिक रहा है। किचन की जरूरी सब्जियों में से एक प्याज ने लोगों के किचन का बजट बिगाड़ दिया है।

मध्य प्रदेश के भोपाल की करोंद मंडी में प्याज 4 हजार रुपए क्विंटल बिक रहा है। जबकि फुटकर बाजार में इसका दाम 50 रुपये किलो तक हो गया है। बिट्टन मार्केट, न्यू मार्केट जैसे इलाकों में तो प्याज की खुदरा कीमत 55 से 60 रुपये किलो तक पहुंच गई है। महाराष्ट्र के नासिक की लासलगांव मंडी में भी प्याज के दाम 4500 रुपये क्विंटल यानी 45 रुपए किलो तक जा पहुंचे हैं।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की महेवा मंडी में नासिक के अच्छी क्वालिटी के प्याज 45 से 48 रुपए और एमपी के शाजापुर से आने वाले प्याज के दाम 42 से 44 रुपए हैं। प्याज व्यापारियों का कहना है कि कई स्थानों पर बारिश के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है, जिसके कारण प्याज के दामों में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है। रही सही कसर पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों ने पूरी कर दी है, जिसके कारण ढुलाई का खर्च बढ़ गया है। 

डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स की प्राइस रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक महीने में प्याज के दामों में 14 रुपए बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं मंडी के भाव के बाद स्थानीय दुकानों, हाट और दूसरे स्टोर्स पर सब्जियों के दाम अलग-अलग होते हैं। इन जगहों पर प्याज और भी महंगा मिलता है।

भारतीय प्याज दुनिया भर में काफी पसंद की जाती है। खास तौर पर मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में भारतीय प्याज़ की काफी मांग रहती है। एग्रीकल्चरल एंड प्रॉसेस्ड फूड प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के आंकड़ों के हिसाब से 2019-20 में देश से 2320.70 करोड़ रुपये का प्याज़ विदेशों में निर्यात किया गया था।

देश के महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और तेलंगाना जैसे राज्य प्याज़ उत्पादन में अव्वल हैं। देश का करीब 28.32 प्रतिशत प्याज का महाराष्ट्र में पैदा होता है। नासिक मंडी जानी-मानी प्याज मंडियों में से एक है। पिछले साल के मुकाबले प्याज की खेती का रकबा बढ़ने की वजह से नई फसल के आने के साथ ही प्याज के दाम एक बार फिर से गिर जाएंगे। देश के किसानों की बदहाली की यह एक बड़ी वजह है। जब फसल उनके पास होती है, तो दाम इतने गिर जाते हैं कि उन्हें घाटा उठाना पड़ता है। लेकिन वही फसल जब किसान के हाथ से बाज़ार के खिलाड़ियों के पास पहुंचती है, तो कीमतें आसमान छूने लगती हैं।