प्रोडक्शन 50 लाख मीट्रिक टन, प्रोक्योरमेंट सिर्फ 13 लाख मीट्रिक टन, सरकार के फैसले पर भड़के सोयाबीन उत्पादक किसान

40 फीसदी खरीदी हो तो भी सरकार के अनुमान के अनुरूप 20 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीदी होनी चाहिए। लेकिन सरकार ने 13.16 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदी को ही मंजूरी दी है।

Updated: Sep 25, 2024, 12:05 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल किए जाने और एमएसपी पर खरीदी की मांग को लेकर किसान आंदोलित हैं। सोयाबीन किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर में सम्मेलन कर रहे हैं। आंदोलन के बावजूद राज्य सरकार किसानों की मांग को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रही है। सरकार ने पहले तो MSP 4892 रुपए ही तय किया। अब सरकार एमएसपी पर भी पूरी फसल खरीदने को तैयार नहीं है। 

मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में किसान ई प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर सोयाबीन खरीदी के लिए कराए जाने वाले पंजीयन को मंजूरी दी गई है। हालांकि, सरकार ने 13.16 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदी को ही मंजूरी दी है। राज्यभर में आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने कैबिनेट के इस फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। 

किसान नेता केदार सिरोही ने कहा कि सरकार का मानना है की मध्य प्रदेश में 50 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन का उत्पादन होगा। PSS (प्राइस सपोर्ट स्कीम) के तहत राज्य सरकार 40 फीसदी उपज खरीद सकती है। कई अन्य योजना भी है जिसके तरह बची हुई उपज भी खरीद सकती है। ऑयल सीड मिशन के तहत राज्य सरकार आउट ऑफ बॉक्स जाकर निर्णय ले सकती है।

केदार सिरोही ने कहा कि 40 फीसदी खरीदी हो तो भी सरकार के अनुमान के अनुरूप 20 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीदी होनी चाहिए। लेकिन सरकार ने 13.16 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदी को ही मंजूरी दी है। इस उनकी किसान विरोधी मंशा को उजागर करती है। फैसले लेने से पहले सरकार ने किसान संगठनों से बात करना भी उचित नहीं समझा। आरएसएस से जुड़े किसान संगठन भी आंदोलनरत हैं। नीति बनाने से पहले अपने संगठनों से भी सरकार बात कर लेती। लेकिन ऐसा नहीं किया। इससे भाजपा सरकार की मंशा सपष्ट हो गई।