New Discovery: कैंसर के इलाज में मददगार नई खोज
वैज्ञानिकों ने इंसानों के गले में खोजीं नई लार ग्रंथियां, कैंसर इलाज में हो सकती हैं मददगार, नीदरलैंड्स में प्रोस्टेट कैंसर की रिसर्च के दौरान हुई खोज

नीदरलैंड्स के वैज्ञानिकों ने मानव शरीर में एक नए अंग की खोज का दावा किया है। ये नया अंग हैं गले के ऊपरी हिस्से में दो लार ग्रंथियां। वैज्ञानिकों ने इन्हें ट्यूबेरियल सलाइवरी ग्लैंड का नाम दिया गया है। अब तक इन ग्लैंड्स के बारे में किसी को जानकारी नहीं थी। ये ग्लैंड्स टोरस ट्यूबेरियस नाम के कार्टिलेज के एक हिस्से पाई गई हैं।
इससे पहले वैज्ञानिकों को मानव शरीर में केवल तीन सलाइवरी ग्लैंड के बारे में ही जानकारी थी, जो जीभ के नीचे, जबड़े के नीचे और जबड़े के पीछे होती हैं। अब तक माना जाता था कि Nasopharynx कहे जाने वाले नाक के पीछे के हिस्से में कुछ नहीं होता। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन ग्लैंड्स का काम नाक और मुंह के पीछे गले के ऊपरी हिस्से को ल्यूब्रिकेट करना हो सकता है।
फिलहाल ट्यूबेरियल सलाइवरी ग्लैंड की खोज़ की सबसे अहम बात यह मानी जा रही है कि इससे कैंसर के इलाज में मदद मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कैंसर के इलाज के लिए सिर और गले में रेडियोथेरपी के दौरान सलाइवरी ग्लैंड्स नष्ट हो जाती थीं। जिससे मरीज को खाना खाने, बोलने और निगलने में तकलीफ होती थी। अब रेडियोथेरपी के दौरान इन ग्लैंड्स को भी बचाया जाएगा जिससे रेडियोथेरेपी और कैंसर के साइड इफेक्ट्स कम हो सकें।
भारत में गले, सिर और मुंह के कैंसर के मरीज बड़ी संख्या में हैं। रेडिएशन ओंकोलॉजी विशेषज्ञों का मानना है कि ‘ट्यूबेरियल ग्लैंड्स’ की खोज से कैंसर मरीज़ों को रेडियोथेरेपी के जरिए होने वाले इलाज में लाभ मिलेगा। कैंसर मरीजों की तकलीफें कम करने में यह अंग मददगार हो सकता है। नीदरलैंड्स कैंसर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी खोज से रेडियोथेरेपी की उन तकनीकों को विकसित करने और समझने में मदद मिलेगी, जिनसे कैंसर पेशेंट्स की लार ग्रंथि और निगलने में होने वाली समस्याओं को दूर किया जा सकेगा।
300 साल बाद खोजा गया नया अंग
ऐसा करीब करीब 300 साल बाद हुआ है कि वैज्ञानिकों ने मानव शरीर में एक नया अंग खोजा है। ये ग्रंथियां करीब 1.5 इंच की हैं, जो नाक के पीछे और गले के कुछ ऊपर के हिस्से में हैं।
100 मरीजों पर की गई स्टडी
नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने करीब 100 मरीजों पर स्टडी की। सभी के शरीर में ट्यूबेरियल सलाइवरी ग्लैंड मौजूद थीं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पर और ज्यादा रिसर्च की ज़रूरत है, ताकि इन ग्लैंड्स के बारे में छोटी से छोटी बात भी अच्छी तरह से पता चल जाए।