अमेरिका ने बलूच लिबरेशन आर्मी को आतंकी संगठन घोषित किया, आस‍िम मुनीर के US दौरे के बीच ऐलान

बीएलए लंबे समय से पाकिस्तान में सुरक्षा बलों और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल रही है। मजीद ब्रिगेड को इस संगठन का आत्मघाती हमला करने वाला विंग माना जाता है।

Updated: Aug 12, 2025, 09:56 AM IST

Photo Courtesy: CSCR
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वॉशिंगटन। पाक‍िस्‍तानी आर्मी चीफ आस‍िम मुनीर की मनचाही मुराद अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप ने पूरी कर दी। अमेरिका के विदेश विभाग ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसके उपनाम ‘मजीद ब्रिगेड’ को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। यह फैसला सीधे तौर पर पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की उस मांग से जुड़ा माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने बलूच विद्रोहियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सख्त कार्रवाई की अपील की थी।

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपने बयान में लिखा कि BLA ने 2024 में कराची एयरपोर्ट के पास और ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स में आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी। मार्च 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक करने की भी जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 31 नागरिक और सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बनाया था। आज अमेरिकी विदेश विभाग की कार्रवाई ट्रम्प प्रशासन की आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आतंकवादी संगठन घोषित करना, आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में अहम भूमिका निभाता है। यह आतंकवादी गतिविधियों के लिए मिलने वाले समर्थन को रोकने का एक प्रभावी तरीका है।

बीएलए लंबे समय से पाकिस्तान में सुरक्षा बलों और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल रही है। मजीद ब्रिगेड को इस संगठन का आत्मघाती हमला करने वाला विंग माना जाता है। अमेरिका ने कहा कि इस कदम का मकसद बलूच‍िस्‍तान लिबरेशन आर्मी की फंडिंग और हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगाना है, ताकि इसकी हिंसक गतिविधियों को खत्म किया जा सके। चीन के लिए यह कदम राहतभरा है क्योंकि BLA, ग्वादर पोर्ट और CPEC का सबसे बड़ा खतरा माना जाता है।

पाकिस्तान में बलूच विद्रोहियों के खिलाफ यह सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि वॉशिंगटन का यह कदम पाकिस्तान-अमेरिका सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा, जबकि बलूच आंदोलन पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है। BLA की स्थापना 2000 के दशक की शुरुआत में हुई और इसे पहले भी कई देशों द्वारा आतंकी संगठन घोषित किया गया है।