MP में सरकारी IVF सेंटर की घोषणा हुए 3 साल बीते, अब तक नहीं खुला सेंटर, एम्स में टेंडर रद्द
इसकी शुरूआत राजधानी से होनी थी। जिसके बाद इसे अन्य शहरों में खोलने की योजना थी। जिसे तीन साल से ज्यादा समय गुजर गया है। कई जगह इसकी फायलें अटकी, तो कहीं टेंडर रद्द हो गए। इससे आम लोगों की चिंताए बढ़ गई है।

भोपाल। राज्य में सरकार ने गरीबों, मध्यमवर्गीय दंपत्ति का ध्यान रखने के मद्देनजर मध्य प्रदेश में आईवीएफ ( इन विट्रो फर्टिलाइजेशन ) सेंटर खोलने की घोषणा की थी। जिसका लोगों को लंबे समय से इंतजार था। जो अब तक नहीं खुला है। इसकी शुरूआत राजधानी से होनी थी। जिसके बाद इसे अन्य शहरों में खोलने की योजना थी। जिसे तीन साल से ज्यादा समय गुजर गया है।
आईवीएफ खोलने का मुख्य उद्देश्य लोगों के निजी इलाज में लगने वाले खर्च से मुक्ति दिलाना था। जो भोपाल के अलावा 6 विभिन्न मेडिकल कॉलेज में खुलना था। लेकिन, अब तक जमीनी स्तर पर कोई भी काम शुरू नहीं हुआ है। कई जगह इसकी फायलें अटकी, तो कहीं टेंडर रद्द हो गए। इससे आम लोगों की चिंताए बढ़ गई है। दरअसल वर्तमान में निजी अस्पताल में आईवीएफ का खर्च ज्यादा है।
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वहीं भोपाल एम्स में इसके दो बार टेंडर प्रक्रिया कैंसिल हो गई हैं। जानकारी के मुताबिक, निजी एजेंसी को एम्स द्वारा उपलब्ध जगह पर सेंटर बनाना था। लेकिन, ये भी इस समय अटका हुआ है। इसमें विभागीय मतभेदों के कारण इसे रद्द होने बताया गया। इस सिलसिले में एम्स के स्त्री रोग विभाग के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि चयनित हुए सेंटरों को लेकर प्रशासन और चिकित्सक के बीच बात नहीं बनी। आईवीएफ शुरू होने से पहले यहां इनफर्टिलिटी क्लिनिक और आईवीएफ स्किल लैब भी बननी थी। लेकिन वह भी इस समय बंद पड़ी है। एम्स प्रबंधन से बार-बार संपर्क करने के प्रयास किए गए लेकिन, अब तक कोई जवाब नहीं मिला।