सुस्ती में है देश की अर्थव्यवस्था, बजट से पहले पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने केंद्र सरकार को घेरा

कांग्रेस की ओर से तैयार "अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति 2025" शीर्षक वाली रिपोर्ट जारी करते हुए चिदंबरम ने कहा कि इस रिपोर्ट में कई ऐसे तथ्यों का उल्लेख है जिन्हें सरकार ने दबा दिया है।

Updated: Jan 30, 2025, 05:26 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की ओर से तैयार "अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति 2025" शीर्षक वाली रिपोर्ट जारी की गई है। पार्टी के पूर्व सांसद राजीव गौड़ा और उनकी टीम के सहयोग से तैयार की गई यह रिपोर्ट गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में जारी की गई। इस मौके पर देश के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने दावा किया है कि देश की अर्थव्यवस्था सुस्ती में है, लेकिन सरकार स्थिति को संभालने के लिए कुछ नहीं कर रही है।

चिदंबरम ने कहा कि वर्तमान समय में रोजगार सृजन नहीं हो रहा है, मंहगाई बढ़ रही है तथा व्यापक स्तर पर आर्थिक असमानता है। चिदंबरम ने कांग्रेस के अकबर रोड स्थित कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में मंदी है, नौकरियां नहीं हैं, महंगाई चरम पर है, वेतन स्थिर है और आय में भारी असमानता है। चिदंबरम ने कहा कि पिछले साल की तुलना में आर्थिक वृद्धि में 2 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।

उन्होंने कहा कि सरकार चाहे जितना भी प्रयास करे, अर्थव्यवस्था मंदी में है। ये पिछले साल की वृद्धि दर के दो फीसदी तक गिर सकती है। नौकरियां न होने से युवा बेरोजगारी 40 फीसदी के करीब है। चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से समय-समय पर लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपने के बावजूद कोई नौकरी नहीं है। यह सिर्फ खाली पदों को भरने का मामला है और इसमें नई नौकरियों का सृजन शामिल नहीं है।

चिदंबरम ने कहा कि पिछले चार-पांच सालों से वेतन स्थिर है। खाद्य, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महंगाई दर दोहरे अंकों में है। महंगाई दर 2-3 साल से चरम पर है। इनकम में भारी असमानता का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने कहा कि वह मानते हैं कि शीर्ष 20-30 फीसदी लोग बेहतर स्थिति में हैं, लेकिन शेष 70 फीसदी यानी निचले आधे लोग 100-150 रुपये प्रतिदिन पर गुजारा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अमीरों और गरीबों के बीच की खाई बढ़ती जा रही है, लेकिन सरकार ने इससे निपटने के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से जारी रिपोर्ट में उल्लेखित कई तथ्यों को केंद्र सरकार ने सुविधाजनक तरीके से दबा दिया है। इसलिए प्रो. राजीव गौड़ा की टीम ने अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति पर रिपोर्ट पेश करने का फैसला किया, जबकि सरकार हर दिन, हर घंटे अर्थव्यवस्था की अवास्तविक स्थिति को सामने रखती है।