सरकार ने खंडन किया तब तक डर वायरल हो गया
Indore डीआईजी ने कहा पुलिसकर्मी फोन से चाइनीज़ एप्लीकेशन हटाएँ, सरकार बोली खतरा नहीं, डीआईजी ने आदेश रोका

बीते कई माह से देश में डर को वायरल किया जा रहा है। सरकार खंडन करती है तब तक Fake कंटेंट वायरल हो जाता है और जनता में आतंक बैठा दिया जाता है। ऐसा ही इंदौर में भी हुआ। इंदौर के नए डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने अपने विभागीय पुलिस कर्मियों को कुल 50 चाइनीज़ एप्लीकेशन को अनइंस्टाल करने की सलाह दी है। इसका आधार गृह मंत्रालय का आदेश बताया गया। यह आदेश वायरल हुआ ही था कि केंद्र सरकार ने इसका खंडन कर दिया। कुछ देर में इंदौर डीआईजी ने अपनी सलाह वापस ले ली। मगर उनका पुराना आदेश तो वायरल हो चुका है। अब सरकार खंडन करती रहे मगर कई महीनों तक यह मैसेेज भेज कर डर वायरल किया जाता रहेगा।
डर वायरल करने का यह खेल देश में पिछले कुछ सालों से चल रहा है। इन फेक वायरल पोस्ट की वजह से दंगे भी हुए और मॉब लिंचिंग भी। विडंबना यह है कि जब तक सरकार या सजग मीडिया संस्थान इन Fake Viral Post का खंडन कर सच सामने लाते हैं तब तक डर जनता में फैल चुका होता है। नफरत घर कर चुकी होती है। मुश्किल यह है कि यह डर सरकार के नाम से फैलाया जाता है ताकि जनता इस पर सहज भरोसा कर ले। जैसे इंदौर में हुआ। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा का एक आदेश जारी हुआ जिसमें साइन तो थे लेकिन दिनांक नहीं डाली गई थी। इसमें पुलिस विभाग के कर्मचारियों को कहा गया था कि कोई भी कर्मचारी अपने फ़ोन में चाइनीज़ एप्लीकेशन न रखे। निर्देश में कहा गया था कि तमाम एप्लीकेशन सुरक्षा की दृष्टि से बिलकुल भी सुरक्षित नहीं हैं। 50 चाइनीज़ एप्लीकेशन का उपयोग करने से व्यक्तिगत एवं अन्य डाटा चोरी होने का खतरा है। डीआईजी ने शेयर इट, टिक टॉक,ब्यूटी प्लस, हैलो, एक्सजेंडर सहित कुल 50 ऐप डिलीट करने के आदेश दिए थे।
सीमा पर हमले के बाद चीन के खिलाफ देश में गुस्सा है और ज्यों ही चाइनीज एप्लीकेशन हटाने की सलाह मिली यह आदेश वायरल हो गया।
लखनऊ में एसटीएफ के डीआईजी ने दिए निर्देश
इंदौर के डीआईजी के साथ साथ लखनऊ में एसटीएफ के डीआईजी ने भी चीनी एप्लीकेशन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। डीआईजी अमिताभ यश ने अपने विभाग के कर्मचारियों को कुल 52 एप्लीकेशन हटाने का निर्देश जारी किया है। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा के ही तर्ज़ पर अमिताभ यश ने भी अपने विभाग के कर्मचारियों को अपने फोन से टिक टॉक, यूसी ब्राउज़र, शेयर इट और सेंडर सहित कुल 52 ऐप्स हटाने के निर्देश दिए हैं।
इधर, कुछ देर में केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि सोशल मीडिया पर एप हटाने को लेकर वायरल हो रहा एनआईसी यानि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र का आदेश फेक है।
Claim: A viral message of an order allegedly from NIC claims that @GoI_Meity has prohibited some apps from being made available on App Stores. #PIBFactCheck: The Order is #Fake. No such instruction has been given by @GoI_MeitY or NIC. pic.twitter.com/Dt7rMR7nIz
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 19, 2020
असल में सोशल मीडिया पर एनआईसी के हवाले से यह संदेश पहुंचाया जा रहा है कि भारत सरकार ने कुल 15 चीनी ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया है। मैसेज में कहा गया है कि भारत सरकार ने टिक टॉक, ब्यूटी प्लस, कैम स्कैनर सहित कुल 15 ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया है।
इसके बाद डीआईजी इंदौर ने भी अपना आदेश वापस ने लिया मगर सरकार भले ही इस वायरल मैसेज को फेक बताती रहे मगर यह लाखों मोबाइल मैसेज के जरिए जनता तक पहुंच चुका है। फेक मैसेस जितना फैला है उसका खंडन करने वाला सच उतना नहीं फैला।