इंडोनेशिया के मेरापी पर्वत पर फूटा ज्वालामुखी

माउंट मेरापी इंडोनेशिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है। वह रविवार को दो बार फट गया जो तकरीबन 7 मिनट तक प्रदीप्‍त रहा

Publish: Jun 22, 2020, 07:19 AM IST

Photo courtesy : deccanchronicle
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इंडोनेशिया का सबसे सक्रिय माउंट मेरापी ज्वालामुखी रविवार को दिन में दो बार फटा है। वह बड़े पैमाने पर राख उगल रहा है। इंडोनेशिया के जियोलॉजिकल एजेंसी ने बताया कि इस दौरान वहां तकरीबन 6 हजार मीटर की ऊंचाई तक स्‍लेटी रंग की राख का मलबा पहुंच रहा है। बताया जा रहा है कि ज्वालामुखी के विवर से बहुत तेज गड़गड़ाहट की आवाज आ रही है। घटना के बाद इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है वहीं देश की सांस्कृतिक राजधानी योगियाकार्ता के लोगों के लिए ज्वालामुखी के मुहाने से तीन किलोमीटर दायरे में जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

इंडोनेशिया में 17000 से ज्यादा द्वीप हैं वहीं सक्रिय ज्वालामुखियों की संख्या तकरीबन 130 है। माउंट मेरापी इंडोनेशिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है। वह रविवार को दो बार फट गया जो तकरीबन 7 मिनट तक प्रदीप्‍त रहा। फिलहाल राख के गुबार 6000 मीटर तक की ऊंचाई तक जा रहे हैं। उन्होंने आसपास के गांवों को स्‍लेटी धूल से भर दिया है जिससे लोग आतंकित हैं। इंडोनेशिया की सांस्कृतिक राजधानी योगियाकर्ता के निकट स्थित ज्वालामुखी से निकली रेत से मिली राख 3 किलोमीटर दूर के इलाके तक आसमान से बरस रही है।

हालांकि जियोलॉजिकल एजेंसी ने घटना के बाद कि स्थिति को लेकर कुछ साफ नहीं किया है लेकिन कमर्शियल उड़ानों को इलाके में सतर्क रहने को कहा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्वालामुखी विवर से सटे पड़ोस के गांवों में इस दौरान भयंकर गड़गड़ाहट की आवाजें आई थी। एजेंसी ने इलाके को नो गो जोन घोषित कर दिया गया है और लोगों को ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा और पायरोक्लैस्टिक तत्वों के खिलाफ चेतावनी दी है।

गौरतलब है कि इस पर्वत पर धमाके होते रहते हैं। वर्ष 1930 में यहां सबसे बड़ा ज्वालामुखी फटा था जिसमें हजारों लोगों की जान थी। साल 2010 में माउंट मेरापी ज्वालामुखी ब्लास्ट में लगभग 300 लोगों की जानें गयी थी और इसके पहले 1994 में भी 60 लोगों की जानें गयी थी।