पंजशीर पर तालिबान के कब्जे के दावे को नॉर्दर्न एलायंस ने किया खारिज, कहा, आजादी मिलने तक जारी रहेगी जंग
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि तालिबानी लड़ाकों ने पंजशीर पर अपना कब्जा जमा लिया है, लेकिन नॉर्दर्न एलायंस ने इस दावे को खारिज किया है

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान और नॉर्दर्न एलायंस के बीच जारी संघर्ष के बीच तालिबान द्वारा पंजशीर को हथियाने का दावा शुरू हो गया है। लेकिन खुद नॉर्दर्न एलायंस ने पंजशीर पर तालिबानी कब्जे के दावे को खारिज किया है। नॉर्दर्न एलायंस ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि आजादी और न्याय मिलने तक तालिबान के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा।
अफगानिस्तान के नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ने अपने ट्विटर हैंडल से इस सिलसिले में एक ट्वीट किया है। NRF ने ट्वीट में कहा है कि पंजशीर पर कब्जे का तालिबान का दावा झूठा है। NRF पंजशीर घाटी के महत्वपूर्ण ठिकानों पर संघर्ष के लिए अब भी काबिज है। ट्वीट में अफगानिस्तान के लोगों को आश्वासन देते हुए कहा है कि आजादी और न्याय मिलने तक तालिबान और उसके सहयोगियों के खिलाफ नॉर्दर्न एलायंस का संघर्ष जारी रहेगा।
Taliban’s claim of occupying Panjshir is false. The NRF forces are present in all strategic positions across the valley to continue the fight. We assure the ppl of Afghanistan that the struggle against the Taliban & their partners will continue until justice & freedom prevails.
— National Resistance Front of Afghanistan (@nrfafg) September 6, 2021
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स में तालिबान द्वारा पंजशीर को अपने कब्जे में किए जाने का दावा किया जा रहा था। तालिबान के प्रवक्ता के हवाले से विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का उल्लेख किया गया कि तालिबान ने पंजशीर के आठ जिलों को हथिया लिया है। वहीं सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं, जिनमें तालिबानी लड़ाकों को पंजशीर में गवर्नर हाउस के बाहर देखा गया है।
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इससे पहले शुक्रवार रात को भी कथित तौर पर पंजशीर पर कब्जा जमाने के बाद तालिबानी लड़ाकों ने काबुल में हवाई फायरिंग की थी। इस फायरिंग में मासूम बच्चों समेत कम से कम 17 लोगों की जान चली गई थी। जबकि 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। वहीं शनिवार को काबुल में महिलाओं ने एक मार्च भी निकाला था। जिसमें उन्होंने तालिबानी हुकूमत से उनके अधिकार वापस देने की मांग की थी। महिलाएं अपनी बच्चियों को पढ़ाई करने की छूट देने की मांग कर रही थीं। इस दौरान तालिबान ने महिलाओं पर आंसू गैस के गोले छोड़े थे।