South China Sea: अमेरिका ने चीन की 24 कंपनियां की ब्लैकलिस्ट

Chinese Companies Ban: अमेरिका का आरोप दक्षिण चीन सागर में क्रत्रिम टापू बनाने में मदद कर रही थीं कंपनियां, अमेरिका ने भेजा था युद्धपोत, चीन ने दागी मिसाइलें

Updated: Aug 28, 2020, 04:45 AM IST

Photo Courtesy: The Guardian
Photo Courtesy: The Guardian

दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ जारी तनाव को लेकर अमेरिका ने पहला बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका चीन की 24 कंपनियों और उनसे जुड़े कुछ लोगों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। अमेरिका का कहना है कि ये कंपनियां दक्षिण चीन सागर के विवादित क्षेत्र में क्रत्रिम टापुओं का निर्माण कर रही थीं। 

अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने कहा, “इन कंपनियां चीनी सेना को विवादित क्षेत्र में उन क्रत्रिम टापुओं के निर्माण में सहायता दी, जिनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो चुकी है।”

अमेरिका लगातार चीन पर दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण करने और अपने उन एशियाई पड़ोसियों को डराने, धमकाने का आरोप लगाता रहा है, जो शायद दक्षिण चीन सागर में बहुतायत में उपलब्ध तेल और प्राकृतिक गैस रिजर्व का प्रयोग करना चाहते हैं। 

अमेरिका का युद्धपोत दक्षिण चीन सागर में यह दिखाने के लिए जा चुका है यह जलक्षेत्र सबके लिए मु्क्त है। हालांकि, इससे क्षेत्र में अमेरिका और चीन के बीच टकराव की आशंका बढ़ गई थी। अमेरिकी युद्धपोत के आने पर चीन ने मीडियम रेंज की चार बैलिस्टिक मिसाइल भी लॉन्च की थीं, जो हैनान और पार्सेल आईलैंड के बीच गिरीं। 

हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि चीन ने ये मिसाइल अमेरिका को चेतावनी देने के लिए लॉन्च कीं। 25 अगस्त को चीन ने यह दावा भी किया कि अमेरिका ने उसके हवाई क्षेत्र में दो लड़ाकू विमान भी भेजे। उधर 24 चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने के अमेरिका के इस कदम पर चीन की तरफ से अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। 

अमेरिका ने एक महीने पहले कहा था कि वह दक्षिण चीन सागर को लेकर कड़े कदम उठा सकता है। दक्षिण चीन सागर में ऊर्जा का एक बड़ा भंडार है और चीन लगभग पूरे सागर पर अपना दावा करता है। दूसरी तरफ ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपीन्स, ताइवान और वियतनाम भी दक्षिण चीन सागर के हिस्सों पर अपना दावा करते हैं।