दमोह में फूटा तालाब, चपेट में आए 3 गांव पूरी तरह से डूबे, सैलाब में बही 1600 लोगों की गृहस्थी

तालाब फूटने की वजह से तीन गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए। इस जलप्रलय ने एक साथ सैकड़ो परिवारों के सामने संकट पैदा कर दिया है, अब न सर पर छत है न पेट भरने के लिए दाना।

Updated: Jul 26, 2023, 10:18 AM IST

दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह में एक तालाब फूटने से भारी नुकसान हुआ है। तालाब फूटने की वजह से तीन गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए। इस जलप्रलय ने एक साथ सैंकड़ों परिवारों के सामने संकट पैदा कर दिया है, अब न सर पर छत है न पेट भरने के लिए दाना। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सैलाब में 1600 लोगों की गृहस्थी बह गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक के तहत पोंडी तालाब का बड़ा जलाशय सोमवार देर रात फटा और आसपास के गाँव को अपने साथ बहा ले गया। 60 एकड़ में बना पोंडी जलाशय बारिश की वजह से लबालब भरा हुआ था। सोमवार को दिन भर पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश के बाद तालाब का जल स्तर और बड़ा और इस पानी को रोकने वाली वाॅल प्रेशर को रोक नही पाई। सोमवार की शाम से ही तालाब से रिसाव शुरू हुआ और रात होते होते उसने विकराल रूप ले लिया।

पानी का बहाव इतना तेज था कि आसपास के तीन गाँव पोंडी, जेतगड़ और खांगला पूरी तरह से जलमग्न हो गए। हालांकि पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से कोई जनहानि नही हो पाई। देर शाम से ही इन गाँव के लोगों को प्रशासन ने बाहर निकाल लिया गया था। लेकिन घरो में रखा अनाज और गृहस्थी का सामान लोग नहीं निकाल पाए। सुबह करीब चार बजे डेम टूटा और कई घरों को पानी अपने साथ बहा ले गया। बड़े पैमाने पर हुए नुकसान के साब मंगलवार की दोपहर जलमग्न गाँव के कुछ हिस्सों में पानी कम हुआ तो लोग अपने आशियानों की तरफ भागे लेकिन उन्हें अपने घरों में कुछ नही मिला।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस दुर्घटना को रोका जा सकता था, यदि समय रहते सुरक्षात्मक कदम उठा लिए गए होते। किसानों की सैकड़ो एकड़ जमीन में लगी फसल भी बर्बाद हो चुकी है। जिला प्रशासन की टीम मौके पर है और लोगों को कैम्पो में शरण दी गई है, जहां उनके भोजन की व्यवस्था भी की जा रही है। इस बीच हालातों का जायजा लेने के लिए राजनेता भी पहुंच रहे हैं। इलाके के पूर्व विधायक के साथ-साथ विधायक धर्म सिंह लोधी पहुंचे और निरीक्षण में मालूम चला कि पोंडी जलाशय को लेकर बीते चार सालों से इस तालाब में रिसाव की शिकायत ग्रामीण कर रहे हैं। लेकिन किसी ने ध्यान नही दिया और आज ये हालात बने है। वहीं क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी ट्वीट कर इस घटना को गंभीर बताया है और प्रभावितों की हर सम्भव मदद करने का आश्वासन दिया है।