मंत्री गोपाल भार्गव के बंगले पर अतिक्रमण हटा तो कांग्रेस ने कहा, बिकाऊ का सम्मान निष्ठावान का अपमान
PWD मंत्री गोपाल भार्गव के गढ़ाकोटा स्थित बंगले के बाहर प्रशासन ने चलाई जेसीबी, अतिक्रमण का नाम देकर की प्रशासन ने की कार्रवाई, कांग्रेस ने कार्रवाई को बताया बीजेपी का आंतरिक संघर्ष और गुटबाज़ी
सागर। मध्य प्रदेश के सीनियर बीजेपी लीडर और PWD मंत्री गोपाल भार्गव के बंगले के बाहर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इस पर चुटकी ली है। इसे मंत्री की छवि खराब करने वाला बताया है। कांग्रेस ने साफ किया है कि वह अतिक्रमण की पक्षधर नहीं है, लेकिन बीजेपी के दिग्गज और टिकाऊ नेता की छवि खराब करना ठीक नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए जिनमें उन्होंने यह भी कहा है कि बीजेपी बिकाऊ नेताओं को ज्यादा तवज्जो दे रही है, और अपनी पार्टी के टिकाऊ नेताओं की छवि बिगाड़ने पर तुली है।
भाजपा सरकार में एक तरफ़ आयातित , बिकाऊ लोगों का हो रहा सम्मान और वही दूसरी तरफ़ निष्ठावान , टिकाऊ लोगों का किया जा रहा अपमान...?
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) January 6, 2021
मुख्यमंत्री संज्ञान ले और दोषी अधिकारियों पर हो कार्यवाही...
दो मंत्रियो के इस आंतरिक संघर्ष को रोके मुख्यमंत्री , कोलार डेम की सीख का कोई असर नहीं ?
दरअसल गोपाल भार्गव के गढ़ाकोटा स्थित बंगले के बाहर पौधों और फूलों की सुरक्षा के लिये अस्थायी जाली लगाई गई थी। जिसे नगर निगम ने जेसीबी चलाकर हटा दिया। कांग्रेस ने इस पर चुटकी लेते हुए इसे बीजेपी का आंतरिक संघर्ष और गुटबाज़ी करार दिया है। उनका कहना है कि यह तरीका बेहद गलत है, यह प्रदेश के मंत्री की छवि बिगाड़ने वाला कृत्य है।
कांग्रेस अतिक्रमण की पक्षधर नहीं,हमारा विरोध तरीक़े से है,वरिष्ठ मंत्री भार्गव को अतिक्रमणकारी बताने से है।
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) January 6, 2021
कांग्रेस चुनौती देती है कि भाजपा सरकार क्या ऐसा ही साहस सागर के ही आयातित मंत्री गोविन्द राजपूत के बंगले पर भी अतिक्रमण हटाने का दिखायेगी ?
यही है बिकाऊ-टिकाऊ में अंतर ?
कांग्रेस ने अपने ट्वीट में कहा है कि इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह स्वयं संज्ञान लें और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें। उन्होंने इशारों-इशारों में इसे दो मंत्रियों का आंतरिक संघर्ष बताया है। कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री इसे रोकें। दरअसल सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सागर के सुरखी से आते हैं, वहीं गोपाल भार्गव गढ़ाकोटा से हैं।
इनदिनों मध्यप्रदेश में अतिक्रमण विरोधी मुहिम चल रही है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निर्देश पर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत कई शहरों ने अवैध कब्जा हटाया गया है।