इंदौर के बाद भोपाल में भी भिक्षावृत्ति पर लगा प्रतिबंध, मांगने और देने वाले दोनों पर होगी कार्रवाई
कलेक्टर के आदेश में कहा गया है कि भिक्षावृत्ति में संलग्न अधिकांश लोग नशे और अन्य गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं, जहां प्रमुख सड़क आदि पर सिग्नल होता है, वहां इन भीख मांगने वालों की वजह से दुर्घटना आदि की आशंका बनी रहती है।

इंदौर। इंदौर के बाद अब राजधानी भोपाल को भी भिक्षामुक्त बनाने की कवायद तेज हो गई है। भोपाल में भिक्षावृत्ति पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है। राजधानी में भीख मांगने और देने वाले दोनों पर कार्रवाई होगी।
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सोमवार रात में आदेश जारी कर दिए। इसके बाद भीख देना और लेना दोनों ही जुर्म के दायरे में आ गए हैं। मंगलवार को कलेक्टर ने 4 सदस्यीय कमेटी भी बना दी है, जो भिक्षुकों को रैन बसेरा तक ले जाएगी।
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भिक्षुओं के लिए कोलार स्थित रैन बसेरा में अस्थायी भिक्षु गृह बनाया गया है। यहां पर उन्हें शिफ्ट करने की जिम्मेदारी एक टीम को दी गई है। इस टीम में संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय विभाग आरके सिंह, नगर निगम के अपर आयुक्त रणवीर कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सुनील सोलंकी और आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त सुधीर कुमार श्रीवास्तव शामिल हैं।
कलेक्टर के आदेश में कहा गया है कि भिक्षावृत्ति में संलग्न अधिकांश लोग नशे और अन्य गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं, जहां प्रमुख सड़क आदि पर सिग्नल होता है, वहां इन भीख मांगने वालों की वजह से दुर्घटना आदि की आशंका बनी रहती है। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 (2) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।