आवारा कुत्तों को सड़कों पर खाना खिलाने पर पाबंदी, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ निर्धारित जगहों पर ही कुत्तों की फीडिंग की जाएगी। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर कोई इन नियमों की अवहेलना करता हुआ पाया गया, तो निश्चित तौर पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Updated: Aug 22, 2025, 01:15 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में अपने पुराने आदेश में बदलाव करते हुए उन्हें नसबंदी और टीकाकरण के बाद उसी क्षेत्र में वापस छोड़ने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में संशोधन करते हुए एक नया अंतरिम फैसला सुनाया है। हालांकि जो रेबीज से संक्रमित हैं या आक्रामक व्यवहार वाले हैं उन्हें शेल्टर होम में रखा जाएगा। इस फैसले को अब पूरे देश में लागू किया जाएगा।

साथ ही, सड़कों पर कुत्तों को खाना खिलाने (फीडिंग) पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। इसके बजाय, नगर निगम (एमसीडी) को कुत्तों के लिए विशेष फीडिंग स्थल बनाने का निर्देश दिया गया है, ताकि व्यवस्थित तरीके से उनकी देखभाल हो सके।सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस तरह के भोजन के कारण कई घटनाएं घटित हुई हैं।

कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ निर्धारित जगहों पर ही कुत्तों की फीडिंग की जाएगी। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर कोई इन नियमों की अवहेलना करता हुआ पाया गया, तो निश्चित तौर पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को फीडिंग करने की अनुमति नहीं दी है।

तीन जजों की बेंच, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया, ने यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही देशभर की सभी अदालतों में लंबित संबंधित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का भी आदेश दिया गया है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट का आदेश केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित था, लेकिन अब इसे पूरे भारत में लागू करने का निर्णय लिया गया है। 

अदालत ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण यह समस्या बढ़ी है, इसलिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। देशभर की अदालतों में लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने से एकरूपता सुनिश्चित होगी और नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।