MSP पर गेहूं और धान की ख़रीद से पल्ला झाड़ने की हो रही कोशिश, कमलनाथ ने मोहन सरकार को घेरा

विधानसभा चुनाव में प्रदेश के किसानों से गेहूं और धान का बढ़ा हुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का चुनावी वादा किया था, अब वही भाजपा सरकार MSP पर गेहूं और धान की ख़रीदी करने की प्रक्रिया से हाथ पीछे खींच रही है।

Updated: Nov 03, 2025, 04:32 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर जारी एक बयान में कहा कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार गेहूं और धान की MSP पर ख़रीद की प्रक्रिया से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है जो पूरी तरह किसान विरोधी है।

कमलनाथ ने अपने बयान में कहा, 'प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रदेश के करोड़ों किसानों को गंभीर संकट में धकेलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिस भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश के किसानों से गेहूं और धान का बढ़ा हुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का चुनावी वादा किया था, अब वही भाजपा सरकार MSP पर गेहूं और धान की ख़रीदी करने की प्रक्रिया से हाथ पीछे खींच रही है।'

कमलनाथ ने आगे कहा, 'सच्चाई यह है कि मप्र सरकार ने गेहूं और धान की सरकारी खरीदी करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। नागरिक आपूर्ति निगम (नान) पर चढ़े 77,000 करोड़ रुपए के भारी-भरकम कर्ज का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से FCI के माध्यम से सीधे धान और गेहूं खरीदने का अनुरोध किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखा है।'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि FCI की ख़रीद प्रक्रिया के अत्यंत जटिल होने के कारण बड़ी संख्या में किसानों की उपज रिजेक्ट हो सकती है और उन्हें अपनी मेहनत की कमाई औने-पौने दामों पर निजी व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। सीधी बात यह है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार एक-एक कर किसानों के ख़िलाफ़ क़दम उठाती जा रही है। ध्यान से देखें तो खाद और बीज के लिए किसानों का बराबर परेशान होते रहना प्रदेश की स्थायी तस्वीर बन गई है।

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि इसी तरह मूंग की ख़रीद के समय सरकार ने जानबूझकर प्रदेश के मूंग को ज़हरीला साबित करने का षड्यंत्र रचा और लंबे समय तक केंद्र सरकार को ख़रीदी को लेकर कोई लक्ष्य नहीं भेजा। उन्होंने कहा कि सभी को अच्छी तरह याद होगा मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 27 लाख किसानों का कर्ज़ माफ़ कर दिया था लेकिन भाजपा सरकार बनते ही कर्ज़ माफ़ी की प्रक्रिया बंद कर दी गई।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह अब स्पष्ट होता जा रहा है कि भाजपा चाहती है कि प्रदेश का किसान पूरी तरह बदहाल हो जाए और खेती से पीछे हट जाए। ऐसे में भाजपा उसकी ज़मीन हड़प ले और उसका मनचाहा उपयोग करे। भाजपा की मानसिकता अंग्रेज़ी राज की मानसिकता से भी ज़्यादा ख़तरनाक और किसान विरोधी है। उन्होंने सरकार से माँग किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीद की प्रक्रिया में कोई बदलाव न किया जाए, इससे प्रदेश के करोड़ों किसान संकट में पड़ जाएंगे।